Last Updated: Wednesday, March 13, 2013, 17:42
नई दिल्ली : झारखंड में राष्ट्रपति शासन के दौरान परोक्ष रूप से कांग्रेस पार्टी का शासन चलाए जाने की विभिन्न दलों के सदस्यों की आशंकाओं के बीच लोकसभा ने आज प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने संबंधी राष्ट्रपति की उद्घोषणा को मंजूरी प्रदान कर दी।
गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सदस्यों की चिंताओं को निराधार बताया और इस संकल्प पर संक्षिप्त चर्चा के जवाब में कहा कि केंद्र कभी भी प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के पक्ष में नहीं था लेकिन राजनीतिक दलों की करतूतों के चलते यह कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने झारखंड में केंद्र में मुख्य विपक्षी दल भाजपा या उसके सहयोग से बनी पिछली सरकारों का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा को गठबंधन सरकार चलाना प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से सीखना चाहिए।
राष्ट्रपति शासन को लंबा खींचे जाने की केंद्र की मंशा से इनकार करते हुए शिंदे ने कहा कि इसमें केंद्र सरकार को कोई खुशी नहीं मिल रही है और तीन दिन तक राज्यपाल सरकार गठन का दावा पेश किए जाने का इंतजार करते रहे। आदिवासियों तथा उनकी जमीन के संरक्षण के संबंध में उठाए गए मुद्दों पर शिंदे ने कहा कि सरकार इस मामले में चौकस रहेगी तथा विभिन्न दलों को भी इस मामले में अपनी जिम्मेदार का निर्वाह करना होगा।
गौरतलब है कि झारखंड में सरकार के अल्पमत में आने के बाद मुख्यमंत्री अजरुन मुंडा ने इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की उद्घोषणा की गयी थी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, March 13, 2013, 17:42