Last Updated: Wednesday, December 7, 2011, 12:44
नई दिल्ली : टीम अन्ना
ने लोकपाल विधेयक के मसौदे को लेकर संसद की स्थाई समिति के प्रमुख अभिषेक मनु सिंघवी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि निचले स्तर की नौकरशाही और सिटिजन चार्टर को इस प्रस्तावित कानून के दायरे से बाहर रखकर कांग्रेस नेता संसद की अवमानना कर रहे हैं।
टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि संसद की ओर से पारित प्रस्ताव में जिन बिंदुओं पर भरोसा दिया गया था, सिंघवी उन्हें लोकपाल के दायरे में नहीं लाकर संसद की अवमानना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अन्ना के आंदोलन के समय संसद ने एक प्रस्ताव पारित किया था। इसमें सिटीजन चार्टर और निचले स्तर की नौकरशाही को लोकपाल के दायरे में लाने की बात की गई थी। अब इसकी अहवेलना करके अभिषेक मनु सिंघवी संसद का अनादर कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि समिति की सिफारिशों से भ्रष्टाचार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और ये मौजूदा भ्रष्टाचार विरोधी व्यवस्था को भी ध्वस्त कर देंगी।
केजरीवाल ने कहा कि संसद की स्थाई समिति की जिन सिफारिशों की बात सामने आ रही है, मुझे नहीं लगता कि भ्रष्टाचार पर इनका कोई असर होगा। इसके उलट, इससे हमारे यहां मौजूदा भ्रष्टाचार विरोधी व्यवस्था के भी खत्म होने की आशंका है। स्थाई समिति की ओर से सीबीआई को तीन हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव दिए जाने का दावा करते हुए केजरीवाल ने कहा कि इस कदम से यह जांच एजेंसी अपंग हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को मजबूत करने की बजाय वे लोग अन्ना आंदोलन का बहाना लेकर बची खुची चीजों को भी कमजोर करते दिखाई पड़ रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि अन्ना हजारे अपना प्रस्तावित अनशन करेंगे तो केजरीवाल ने कहा कि इस बारे में अन्ना को फैसला करना है। उन्होंने कहा कि जहां तक अनशन का सवाल है, इस बारे में अन्ना ही फैसला करेंगे। केजरीवाल ने कहा कि फिलहाल मैं इतना कह सकता हूं कि हम आखिरी दम तक एक सशक्त लोकपाल को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 7, 2011, 20:15