Last Updated: Tuesday, November 20, 2012, 18:16
ज़ी न्यूज ब्यूरोमुम्बई : शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे के निधन पर आयोजित मुंबई बंद पर टिप्पणी करने वाली दो लड़कियों की गिरफ्तारी का शिव सेना ने समर्थन किया है।
शिव सेना सांसद संजय राउत के मुताबिक पार्टी दोनों लड़कियों शहीन डाढा एवं रेणु की गिरफ्तारी की निंदा नहीं करती है।
समाचार चैनल ‘एनडीटीवी’ के मुताबिक राउत ने कहा,‘हम इस मामले में पुलिस कार्रवाई का समर्थन करते हैं। सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर टिप्पणी से कानून एवं व्यवस्था पर असर पड़ सकता था।’
इसके पहले दोनों लड़कियों ने फेसबुक पर अपनी टिप्पणी को लेकर अफसोस जताया और कहा कि आगे से वह कभी भी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर कुछ भी नहीं लिखेंगी।
ठाणे स्थित लड़की शाहिन डाढा और उनकी दोस्त रेणु इस घटना के बाद सहमी हुई है। पत्रकारों के साथ बातचीत में शाहिन ने बताया कि वह फेसबुक पर कमेंट के लिए माफी मांगती है।
शाहिन ने इस बात से इंकार किया कि उसे इस सिलसिले में कोई धमकी मिली है या फिर कमेंट हटाने या माफी मांगने को लेकर कोई राजनीतिक दबाव है।
पुलिस ने बताया कि मुंबई बंद के विरोध में फेसबुक पर प्रतिक्रिया लिखने पर शाहीन डाढा और रेणु नामक दो युवतियों को गिरफ्तार किया गया था,लेकिन बाद में उन्हें निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा कर दिया गया। ठाणे ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक रवीन्द्र सेनगावकर ने कहा कि अभी तक हमने अब्दुल डाढा की क्लिनिक में अस्पताल में तोड़-फोड करने के संबंध में नौ व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है और हमें कुछ और लोगों की तलाश है ।
लड़कियों ने बताया कि फेसबुक पर अपनी प्रतिक्रिया पर उन्होंने माफी मांग ली है। शाहीन ने बताया कि ठाकरे एक महान व्यक्ति थे और वह वास्तव में उनका सम्मान करती हैं।
उल्लेखनीय है कि फेसबुक पर टिप्पणी के बाद करीब 40 शिवसैनिक कथित रूप से पालघर स्थित अब्दुल डाढा की क्लिनिक पहुंचे और तोड़फोड की। पुलिस सूत्रों ने बताया कि करीब 50 व्यक्तियों से अधिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है जिनमें कुछ शिवसैनिक भी शामिल हैं। महाराष्ट्र पुलिस ने पूरे मामले की जांच के आदेश भी दिए हैं।
लड़कियों की गिरफ्तारी के बाद इसकी व्यापक निंदा की गयी। प्रेस कौंसिल आफ इंडिया के प्रमुख मार्कण्डेय काट्जू ने इस मामले में संलिप्त पुलिस कर्मियों पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग की। काट्जू ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को ईमेल भेजकर इस मामले में संलिप्त पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं करने पर कानूनी परिणाम भुगतने की चेतावनी दी।
दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने भी इस मामले पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी कानून का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए था । (एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 20, 2012, 18:16