डीजल की मूल्यवृद्धि पर बिफरे विपक्षी दल

डीजल की मूल्यवृद्धि पर बिफरे विपक्षी दल

नई दिल्ली : भाजपा सहित सभी विपक्षी दलों ने तेल विपणन कंपनियों को डीजल के दाम बढ़ाने की अनुमति देने के सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि इससे महंगाई बढ़ जाएगी। भाजपा ने सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडरों की संख्या छह से बढ़ाकर नौ करने के फैसले को भी दिखावा करार दिया।

पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘हम इस फैसले की निंदा करते हैं क्योंकि इसका महंगाई पर गंभीर असर पड़ेगा। यह जनविरोधी निर्णय है और इसलिए हम इसकी निंदा करते हैं।’ माकपा महासचिव प्रकाश करात ने आज यहां कहा कि डीजल के दाम नियंत्रणमुक्त करने से आम आदमी पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। करात ने कहा, ‘आम आदमी पहले ही रोजमर्रा की चीजों के दाम बढ़ने से मुश्किल में है। डीजल के दाम नियंत्रणमुक्त करने से उन पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा।’ भाकपा के सचिव डी राजा ने कहा, ‘सरकार की दलील है कि यह फैसला वित्तीय घाटे को कम करने के लिए किया गया है। इस दलील को स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि घाटा अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार के कुप्रबंधन के कारण हुआ है।’

सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडरों की संख्या साल में नौ करने को अपर्याप्त बताते हुए तृणमूल कांग्रेस ने संप्रग सरकार पर अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक की नेता जयललिता ने कहा कि डीजल की कीमत में बढ़ोतरी का अधिकार तेल कंपनियों को दिए जाने से कई वस्तुओं की कीमतों में नियमित रूप से इजाफा होता रहेगा और लोगों की मुश्किल पहले से ज्यादा बढ़ जाएगी।

संप्रग सरकार को बाहर से समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी ने डीजल मूल्य धीरे-धीरे बढ़ाने के सरकार के फैसले को इसे नियंत्रणमुक्त करने के समान बताया और इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की है। पार्टी का कहना है कि इससे परिवहन लागत बढ़ेंगी और उपभोक्ता वस्तुयें महंगी हो जाएंगी।

First Published: Thursday, January 17, 2013, 23:00

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