Last Updated: Tuesday, February 21, 2012, 11:31
नई दिल्ली : वर्ष 2002 में हुए गुजरात दंगों में मारे गए लोगों के शव गैरकानूनी तरीके से खोद कर निकालने के मामले में कथित भूमिका के लिए सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ जांच शुरू करने के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार को आड़े हाथ लिया।
न्यायमूर्ति आफताब आलम और रंजना प्रकाश देसाई की पीठ ने कहा ‘याचिकाकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को परेशान करने के लिए यह सौ फीसदी फर्जी मामला है।’ तीस्ता के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए राज्य सरकार की आलोचना करते हुए पीठ ने कहा कि इस तरह के मामले से गुजरात का श्रेय नहीं बढ़ेगा।
पीठ ने कहा ‘यह मामला सौ फीसदी गलत है। याचिकाकर्ता के खिलाफ दूसरे मामलों में शायद कुछ हो सकता हो।’ इस मामले के अलावा, गुजरात सरकार ने तीस्ता के खिलाफ दंगे संबंधी अन्य मामलों को लेकर भी आपराधिक शिकायतें दर्ज कराई हैं।
पीठ की राय में, इस मामले पर आगे बढ़ना गुजरात सरकार के लिए सही नहीं है। गुजरात सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप घोष से पीठ ने मामले की प्राथमिकी का अध्ययन करने को कहां उसने घोष से कहा कि वह राज्य सरकार को इस पर आगे न बढ़ने की सलाह दें।
पीठ ने कहा, आप अपने मुवक्किल को इस तरह के मामले में आगे न बढ़ने की सलाह दें। मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च को नियत करते हुए पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता से कहा कि वह प्राथमिकी का धर्यपूर्वक अध्ययन करने के बाद न्यायालय को बताएं कि वह इसके बारे में क्या सोचते हैं। पीठ ने गुजरात सरकार के स्थायी वकील हेमन्तिका वाही से भी प्राथमिकी का अध्ययन करने को कहा। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 21, 2012, 17:13