Last Updated: Friday, November 18, 2011, 10:30
नई दिल्ली : केन्द्रीय जांच ब्यूरो को लोकपाल के दायरे में लाने की मांग करते हुए अन्ना हजारे पक्ष ने फिर कहा कि अगर लोकपाल का नियंत्रण सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई पर नहीं हुआ तो इसकी भूमिका शिकायतें लेने और उन्हें आगे भेजने वाले डाक विभाग की होकर रह जाएगी।
टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘सीबीआई के बिना, लोकपाल डाक विभाग होगा। यह जांच के लिए शिकायतें सीबीआई को और सीबीआई रिपोर्ट को अदालत भेजेगा। क्या हमें लोकपाल के ऐसी लिपिक भूमिका की जरूरत है? क्या सड़कों पर लाखों लोग एक जोकपाल के लिए आए थे?’ केजरीवाल ने ये टिप्पणियां उन खबरों को लेकर की हैं जिनमें कहा गया कि संसदीय स्थाई समिति द्वारा यह सिफारिश करने की संभावना है कि अगर लोकपाल भ्रष्टाचार की किसी शिकायत को सही पता है तो वह इस मामले की आगे की जांच के लिए इसे सीबीआई के पास भेज देगा। लोकपाल को सीबीआई की रिपोर्ट मिलने के बाद उसकी प्रति अदालत को भेजी जाएगी।
अन्ना पक्ष जोर दे रहा है कि सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई को लोकपाल के दायरे में लाया जाना चाहिए। सीबीआई ने हालांकि उसके संगठन में किसी बंटवारे का विरोध किया है और प्रस्तावित लोकपाल द्वारा पूरी क्रियाशील स्वायत्तता की मांग की है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सीबीआई निदेशक एपी सिंह ने स्थाई समिति से कहा है कि एजेंसी को ‘भ्रष्टाचार के मामलों के लिए एकमात्र प्रमुख जांच एजेंसी’ के रूप में बनाए रखा जाना चाहिए।
(एजेंसी)
First Published: Friday, November 18, 2011, 16:57