Last Updated: Monday, April 22, 2013, 13:06
नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में 16 दिसंबर, 2012 की रात चलती बस में एक युवती से सामूहिक दुष्कर्म के दो आरोपियों की तरफ से, प्राथमिकी रद्द किए जाने के लिए दायर की गई याचिका सोमवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी ने इस संबंध में आरोपी मुकेश और अक्षय ठाकुर की याचिका खारिज कर दी। आरोपियों ने मामले की सुनवाई प्रतिदिन करने के बजाय हर दूसरे दिन करने का भी अनुरोध किया था।
आरोपियों ने अपनी याचिका में पुलिस पर प्राथमिकी में हेरफेर करने के आरोप लगाए थे। साथ ही यह भी कहा था कि पुलिस ने उन्हें फंसाने के लिए यातना देकर इस मामले में सबूत जुटाए। इससे पहले 28 मार्च को निचली अदालत ने मामले की सुनवाई हर दूसरे दिन करने की आरोपियों की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि इससे अदालती प्रक्रिया में देरी होगी। याचिका में यह भी कहा कि गया है कि उन्हें प्राथमिकी और आरोप-पत्र की हिन्दी में अनुवादित प्रति नहीं मिली है, जबकि उन्हें अंग्रेजी समझ में नहीं आती। (एजेंसी)
First Published: Monday, April 22, 2013, 13:06