Last Updated: Sunday, December 30, 2012, 11:35

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दो हफ्ते पहले चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार 23 वर्षीया छात्रा की सिंगापुर के एक अस्पताल में शनिवार को मौत के बाद पूरे देश में शोक की लहर फैल गई। पीडि़ता का पार्थिव शरीर रविवार तड़के सिंगापुर से लया गया और फिर अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस जघन्य वारदात के खिलाफ देश भर के लोगों में आक्रोश है और पीडि़ता को न्याय व इंसाफ दिलाने के लिए जगह-जगह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पीडि़ता की मौत के दो दिन बाद भी देशवासियों में गहरा क्षोभ है और जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे लोगों में काफी शोक है।
देशभर के लोग पीडि़ता की मौत के बाद स्तब्ध हैं। इस घटना ने लोगों को इस कदर झकझोर दिया है कि जंतर मंतर पर रातभर लोगों ने जागकर अपना विरोध जताया। कहीं इस घटना का उल्लेख करत हुए तो किसी जगह पीडि़ता को याद कर महिलाओं, बच्चों व लड़कियों की आंखों में बरबस आंसू देखे जा रहे हैं। शोक में डूबे लोगों में आक्रोश बना हुआ है और वे एक सुर से पीडि़ता के लिए न्याय मांग रहे हैं। जंतर मंतर और इसके आसपास लोगों ने दिवंगत छात्रा को श्रद्धांजलि दी और उसे न्याय दिलाने तक आंदोलन जारी रखने संकल्प लिया।
उधर, प्रदर्शनकारियों के गुस्से और बड़ी संख्या में विरोध जताने के लिए लोगों के उमड़ने के डर से दिल्ली के दस मेट्रो स्टेशनों को रविवार को भी बंद रखा गया है। एक तरह से पुलिस और सुरक्षा तंत्र ने राष्ट्रीय राजधानी की किलाबंदी कर दी है शहर में प्रदर्शनों को रोकने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया गया है। राजपथ, विजय चौक और इंडिया गेट की तरफ जाने वाले सभी मार्गों को आम जनता के लिए बंद कर दिया गया। इन सबके बीच, समूचा देश इन दरिंदों को सख्त से सख्त सजा मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। दिल्ली के अलावा देश के कई प्रमुख शहरों में आज भी लागों ने प्रदर्शन किया और पीड़िता के परिवार के प्रति सहानुभूति जताई।
गौर हो कि 16 दिसंबर को छह लोगों की दरिंदगी झेलने के बाद गंभीर हालत मेंदिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 11 दिनों तक चले इलाज के बाद शनिवार सुबह उसे सिंगापुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन 13 दिनों से जीवन के लिए संघर्ष कर रही युवती शनिवार तड़के मौत से हार गई।
First Published: Sunday, December 30, 2012, 11:35