Last Updated: Monday, May 28, 2012, 13:10

बालेश्वर (ओडिशा): बीते पांच दिनों में तीसरी दफा भारत ने चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से सोमवार को अपने देश में विकसित सतह से हवा में मार करने वाली दो ‘आकाश’ मिसाइलों का परीक्षण किया।
मिसाइलों के 24 और 26 मई को हुए ट्रायल के बाद फिर से इनका परीक्षण किया गया। ‘आकाश’ की मारक क्षमता 25 किलोमीटर तक की है। यह अपने साथ 60 किलोग्राम तक के आयुध ले जा सकता है ताकि हवाई हमलों को नाकाम कर सके।
रक्षा सूत्रों ने कहा कि दोनों आकाश मिसाइलों का उड़ान परीक्षण रोड मोबाइल लांचर से एक के बाद एक कर किया गया। यह आईटीआर के लांच पैड-3 से करीब 11 बजकर दो मिनट पर प्रक्षेपित किए गए। सूत्रों ने बताया कि ट्रायल के दौरान मिसाइलों का मकसद एक तैरती हुई वस्तु को भेदना था।
इस वस्तु को समुद्र के उपर एक निश्चित उंचाई पर स्थित प्रक्षेपण परिसर-2 से एक पायलटरहित विमान का सहारा मिला हुआ था। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक अधिकारी ने कहा कि विकास से जुड़े परीक्षण पूरे होने और रक्षा शस्त्रागार में शामिल किए जाने के बाद भारतीय रक्षा बलों की ओर से संचालित यह एक नियमित यूजर ट्रायल था ।
गौर हो कि भारत ने इससे पहले स्वदेश निर्मित सतह से हवा में मार करने वाली ‘आकाश’ मिसाइल का चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण स्थल (आईटीआर) से दो दिन पहले भी प्रायोगिक परीक्षण किया। 24 मई के सफल परीक्षण के बाद आकाश का यह दूसरा परीक्षण है।
आकाश मिसाइल परियोजना से जुड़े रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अधिकारियों ने बताया कि परीक्षण नियमित हवाई रक्षा अभ्यासों का हिस्सा है। विमान भेदी मिसाइल की प्रौद्योगिकी और संचालन क्षमता को सुदृढ़ करने के लिए रक्षा बलों ने आईटीआर के साजो सामान की मदद से परीक्षण किया। इसी परीक्षण स्थल से 24 मई को आकाश का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया गया था। (एजेंसी)
First Published: Monday, May 28, 2012, 13:10