Last Updated: Wednesday, April 24, 2013, 23:58

नई दिल्ली : चीन द्वारा अपने सैनिकों को विमान से लाने और ले जाने की क्षमता को सुदृढ बनाये जाने की पृष्ठभूमि में भारत ने चीन की सीमा के पास पूर्वोत्तर क्षेत्र में वायु मार्ग से नीचे उतरने में सक्षम 1500 और सैनिकों को तैनात करने की योजना बनाई है।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि 12वीं रक्षा योजना में भारत ने वायु मार्ग से नीचे उतरने में सक्षम दो नयी बटालियन गठित करने की योजना बनाई है। इसका गठन सेना के पैराशूट रेजिमेंट के तहत किया जायेगा जिसमें करीब 1500 सैनिक होंगे।
उन्होंने कहा कि इस नयी पहल का मकसद भारतीय क्षेत्र में प्रतिद्वन्द्वियों की ओर से वायु मार्ग से सैनिकों को उतारने या क्षेत्र पर कब्जा करने के कदम पर लगाम लगाना है।
उन्होंने कहा कि नयी इकाई का उपयोग इस क्षेत्र में पारंपरिक भूमिका के साथ आतंकवाद एवं अलगाववाद निरोधक अभियान में किया जायेगा।
दूसरी तरफ चीन ने भारत की ओर से सीमा पर यथास्थिति बहाल करने की मांग को नजरअंदाज करते हुए फिर कहा है कि उसके सैनिकों ने लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का उल्लंघन नहीं किया है।
चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनइंग ने कहा कि मैं इस बात को दोहराना चाहती हूं कि चीन के सैनिक द्विपक्षीय समझौतों का कड़ाई के साथ पालन करते हुए काम कर रहे हैं और एलएसी पर अपनी ओर सामान्य गश्त लगा रहे हैं। हुआ ने बीते 22 अप्रैल को दिए अपने बयान को दोहराया। इससे स्पष्ट होता है कि चीन इस रूख पर कायम है कि एलएसी का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है और बातचीत के जरिए समाधान निकाले जाने तक उसके सैनिक उसी स्थान पर बने रह सकते हैं।
गौरतलब है कि सेना ने हाल ही में 11 पैरा (एसएफ) का गठन किया जिसकी तैनाती तेजपुर स्थित चौथी कमान और दीमापुर स्थित तीसरी कमान के तहत किया जा रहा है। यह चीन से लगी सीमा पर देखरेख के लिए पूर्वोत्तर में सेना की दो मुख्य टुकड़ियां हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 24, 2013, 18:40