द्रमुक के दबाव में आई सरकार, UNHRC में मानवाधिकार उल्लंघन की जांच का मुद्दा उठाया

द्रमुक के दबाव में आई सरकार, UNHRC में मानवाधिकार उल्लंघन की जांच का मुद्दा उठाया

नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में श्रीलंका के खिलाफ वोट करने के लिए द्रमुक द्वारा दबाव बनाये जाने के बीच भारत सरकार ने आज कहा कि उसने कथित मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में विश्वसनीय जांच के अलावा सुलह की दिशा में प्रगति जैसे मुद्दों पर कार्रवाई के लिए जिनेवा में यूएनएचआरसी अधिवेशन में जोर दिया है।

सरकार की ओर से यह बयान ऐसे समय में आया है जब उसके प्रमुख सहयोगी दल द्रमुक ने इस विषय पर समर्थन वापस लेने की धमकी दी है। ‘लेसन्स लर्नट एंड रिकंसिलेशन कमीशन’ (एलएलआरसी) की रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करने के भारत के सुझावों को अमल में लाने के लिए श्रीलंका सरकार की प्रशंसा करने पर सरकार की निंदा हुई है।

भारत ने शुक्रवार को यूएनएचआरसी के 22वें सत्र में सार्वभौमिक आवधिक समीक्षा (यूपीआर) कार्यसमूह की रिपोर्ट को अपनाने के दौरान यह बयान दिया गया। सरकार ने एक नवंबर 2012 को मानवाधिकार परिषद के कार्यसमूह में यूपीआर के लिए श्रीलंका की राष्ट्रीय रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान दिये गये बयान की याद दिलाते हुए कहा कि इस साल 15 मार्च को हुई बैठक इस समूह की रिपोर्ट को औपचारिक रूप से स्वीकार करने की प्रक्रिया की कड़ी थी। (एजेंसी)

First Published: Sunday, March 17, 2013, 21:01

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