नहीं रहे सुरों के सरताज जगजीत सिंह - Zee News हिंदी

नहीं रहे सुरों के सरताज जगजीत सिंह


ज़ी न्यूज़ ब्यूरो


मुंबई: देश के जानेमाने गजल गायक जगजीत सिंह का सोमवार को निधन हो गया. ब्रेन हेमरेज के बाद जगजीत सिंह को मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था. ब्रेन हेमरेज के बाद से उनकी हालत नाजुक थी. हालांकि बीच में उनकी तबियत में सुधार की खबर आई थी. उनका निधन सोमवार सुबह 8 बजे हुआ.


 


जगजीत सिंह का अंतिम संस्कार मंगलवार को चंदनवाड़ी श्मशान घाट में किया जाएगा. जगजीत सिंह के करीबी सहयोगी कुलदीप देसाई ने बताया कि अंतिम संस्कार शाम साढ़े चार बजे मैरिन लाइंस श्मशान घाट में किया जाएगा.


 


उनके निधन की खबर सुनते ही संगीत की दुनिया में शोक की लहर दौड़ गई है.  70 साल के जगजीत सिंह पिछले 2 हफ्ते से अस्पताल में भर्ती थे. जगजीत सिंह के निधन के बाद अस्पताल में उनके संबंधियों और बॉलीवुड से जुड़े लोगों को पहुंचना शुरू हो गया है.


 


बॉलीवुड से जुड़ी नामी गिरामी हस्तियों ने जगजीत सिंह के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है.  सुरेश वाडेकर ने सिंह के निधन को संगीत की दुनिया के लिए अपूरणीय क्षति बताया है. बॉलीवुड अदाकार शबाना आजमी ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया और कहा कि जगजीत सिंह की गजल गायिकी का कोई जवाब नहीं जो जीवन के हर भाव को अपने लफ्जों में उतार लेते थे.


 


जगजीत सिंह ने गजल गायिकी की नई इबारत लिखी थी. देश के नामचीन शायर मिर्जा गालिब पर रिकॉर्ड किया गया उनका एलबम देश में काफी लोकप्रिया हुआ था. यह कहना गलत नहीं होगा कि उनके निधन के साथ ही देश से गजल गायिकी के एक अनोखे युग का अंत हो गया. गजल गायिकी की मखमली आवाज हमेशा -हमेशा के लिए खामोश हो गई.


 


जहां भी जगजीत सिंह ने गजले गाईं हैं वो शो हमेशा ही इतने हिट हुए कि लोगों में उनकी गजलों को सुनने की मारामारी रही है. हिन्दी के अलावा पंजाबी, बांग्ला, उर्दू, गुजराती, सिंधी और नेपाली में भी उन्होंने कई गीत-गजल गाए हैं. 2003 में भारत सरकार ने कला में उनके खास योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया.


 


लाखों दिलों को अपनी नज्मों और गजलों से छूनेवाले जगजीत सिंह की गायकी में वह जादू था कि दुनिया भर में उनके प्रशंसकों की तादाद खासी है.


 


 


 


First Published: Tuesday, October 11, 2011, 18:33

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