Last Updated: Wednesday, January 30, 2013, 23:55
इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दंत-चिकित्सक दंपती राजेश और नूपुर तलवार की वह याचिका खारिज कर दी है जिसमें उन्होंने आरुषि-हेमराज की हत्या के सिलसिले में अतिरिक्त दस्तावेज दायर करने के सीबीआई के फैसले को चुनौती दी थी ।
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि ऐसे समय में जब तकरीबन 15 सरकारी गवाहों के बयान लिए जा चुके हैं और उनसे जिरह भी की जा चुकी है, अतिरिक्त दस्तावेज दायर करने से आरोपी के प्रति पूर्वाग्रह कायम हो सकता है ।
गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने जांच एजेंसी को मामले से जुड़े अतिरिक्त दस्तावेज सौंपने की इजाजत दी थी।
सीबीआई ने कहा था कि वह कुछ अतिरिक्त दस्तावेज सौंपना चाहती है । इस बारे में सीबीआई का दावा था कि इससे अभियोजन पक्ष की ओर से रखी गयी बातें और मजबूत होंगी ।
गत 24 जनवरी को तलवार दंपती की याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति सुनील हाली ने अपने आदेश में कहा कि अदालत को इस आवेदन में कोई दम नजर नहीं आया और इस वजह से इसे खारिज किया जाता है ।
सीबीआई ने कहा कि ‘‘कोई भी नया प्रमाण या दस्तावेज ऑन रिकॉर्ड नहीं’’ लाया जा रहा है । गौरतलब है कि आरुषि-हेमराज की हत्या के मामले में नूपुर और राजेश दोनों ही आरोपी हैं । (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 30, 2013, 23:55