Last Updated: Thursday, April 5, 2012, 10:23
विशाखापत्तनम : भारतीय नौसेना इस दशक के अंत तक पांच परमाणु संचालित पनडुब्बियों का संचालन करने की तैयारी में है जिनमें दो रूस से लीज पर ली गई और तीन स्वदेशी पनडुब्बियां होंगी। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा कि भारत रूस में निर्मित एक और परमाणु संचालित पनडुब्बी को शामिल करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है और अपनी समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए दो और अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बियों को देश में ही विकसित करने की उसकी योजना है। नौसेना ने कल अकुला-2 श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस चक्र का विशाखापत्तन में औपचारिक जलावतरण किया और आईएनएस अरिहंत का समुद्री परीक्षण भी वह जल्दी शुरू कर सकती है।
परमाणु पनडुब्बियों का बेड़ा बढ़ाने की भारत की योजना पर एंटनी ने कहा कि सरकार इस संबंध में एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है और देश इस तरह की एक और पनडुब्बी को खरीदने का खर्च उठा सकता है। आईएनएस चक्र को नौसेना में शामिल करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा था कि एक प्रस्ताव है। अगले कुछ साल में नौसेना में कुछ और पनडुब्बियां होंगी। भारत फिलहाल किलो और एचडीडब्ल्यू श्रेणी की 10 से अधिक परंपरागत डीजल, बिजली से चलने वाली पनडुब्बियों का संचालन करता है और अगले दशक में एक दर्जन और पनडुब्बियों को शामिल करने की उसकी योजना है।
रूस के राजदूत अलेंक्जेंद्र एम कदाकिन ने भी भारत के साथ अपने रिश्तों को गौरवान्वित करने वाली रणनीतिक साझेदारी करार देते हुए कहा था कि रूस भारत को हर जरूरत की चीज दे सकता है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, April 5, 2012, 21:53