पाकिस्तान की तीन जेलों में 535 भारतीय कैदी

पाकिस्तान की तीन जेलों में 535 भारतीय कैदी

नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक वक्तव्य में शुक्रवार को बताया गया कि भारत तथा पाकिस्तान के पूर्व न्यायाधीशों की एक संयुक्त समिति ने 26 अप्रैल से एक मई के बीच पाकिस्तान की तीन जेलों का दौरा किया।

सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की इस समिति में भारत की तरफ से ए. एस. गिल और एम. ए. खान तथा पाकिस्तान की तरफ से अब्दुल कादिर चौधरी, नासिर असलम जाहिद एवं मियां मुहम्मद अजमल शामिल थे और उन्होंने पाकिस्तान की मालिर (कराची), अदियाला (रावलपिंडी) तथा कोट लखपत (लाहौर) जेलों का दौरा किया। समिति का दौरा पाकिस्तान के कोट लखपत जेल में कैद भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की मौत के एक दिन पहले ही समाप्त हुआ।

समिति ने दौरे के बाद शुक्रवार को रिपोर्ट प्रस्तुत कर कहा, "समिति के सामने तीनों जेलों से कुल 535 भारतीय कैदी प्रस्तुत किए गए, जिसमें 483 मछुआरे शामिल हैं। 483 मछुआरों में 11 नाबालिग हैं। इसके अलावा असैन्य कैदियों में कराची के मलिर जेल में आठ भारतीय कैदी, रावलपिंडी के अदियाला जेल में आठ भारतीय कैदी तथा लाहौर के कोट लखपत जेल में 36 भारतीय कैदी हैं।"

रिपोर्ट में कहा गया है कि 21 मई 2008 को दोनों देशों के बीच हुए एक समझौते, काउंसल एक्सेस एग्रीमेंट, के तहत दोनों देशों ने एक जनवरी 2013 को एकदूसरे की जेलों में बंद कैदियों की सूची का आदान-प्रदान किया था।

समिति ने जनवरी 2012 से अब तक पाकिस्तान द्वारा 684 भारतीय मछुआरों तथा 30 भारतीय असैन्य नागरिकों को और भारत द्वारा 96 पाकिस्तानी मछुआरों तथा 59 पाकिस्तानी असैन्य कैदियों को मुक्त किए जाने की भी प्रशंसा की।

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मालिर जेल में 29 भारतीय कैदी ऐसे हैं जिन्हे अपनी सजा पूरी किए एक महीने से ऊपर हो गया है और समिति सिफारिश की है कि इन कैदियों को 17 मई 2013 से पहले भारत वापस भेजा जाए।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उन सभी कैदियों को जिन्हें अब तक दूतावासों से सम्पर्क करने की सुविधा नहीं दी गई है, तत्काल यह सुविधा प्रदान की जाए तथा इसके बाद उनकी नागरिकता की पुष्टि के लिए तत्काल कार्रवाई शुरू की जाए।

समिति ने अपनी रिपोर्ट में की गई सिफारिशों में यह भी कहा कि गंभीर रूप से बीमार, मानसिक रूप से अस्वस्थ और गूंगे/बहरे कैदियों को उचित अस्पताल/संस्था में रखा जाए। समिति ने मालिर जेल में एक कैदी, आदियाला जेल में दो कैदियों तथा कोट लखपत जेल में 20 कैदियों को मानसिक रूप से अस्वस्थ पाया।

समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि कैदियों से सम्बंधित प्राथमिक रपट, चिकित्सा रिपोर्ट तथा पकड़े जाते समय उन कैदियों के चित्रों को भारतीय उच्चायोग से साझा किया जाना चाहिए। समिति ने महिला कैदियों, नाबालिगों, मानसिक रूप से अस्वस्थ कैदियों, बुजुर्ग कैदियों तथा गंभीर बीमारी से ग्रस्त कैदियों के प्रति दयालुता एवं मानवीय तरीके से विचार करने के लिए एक प्रणाली तैयार करने की भी सिफारिश की। (एजेंसी)

First Published: Saturday, May 4, 2013, 10:35

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