पाकिस्तानी, बांग्लादेशी मूल के लोगों को प्रवासी भारतीय कार्ड नहीं

पाकिस्तानी, बांग्लादेशी मूल के लोगों को प्रवासी भारतीय कार्ड नहीं

नई दिल्ली : सरकार ने नागरिकता अधिनियम में बड़ा बदलाव करते हुए फैसला किया है कि ऐसे किसी भी व्यक्ति को प्रवासी भारतीय कार्ड नहीं दिया जाएगा जो पाकिस्तान और बांग्लादेश का नागरिक है अथवा पहले रहा हो। इसके अलावा प्रवासी भारतीय कार्डधारक के पास ऐसे कुछ अधिकार नहीं होंगे जो भारतीय नागरिकों के पास होते हैं। मसलन, प्रवासी भारतीय कार्डधारक रोजगार के अवसर में समानता, राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के चुनाव लड़ने तथा उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश बनने के हकदार नहीं होंगे। ऐसे कार्डधारक मतदाता के तौर पर पंजीकरण कराने के भी हकदार नहीं होंगे तथा वे भारत में कहीं भी विधायिका के सदस्य नहीं बन सकते।

संसद में पिछले सप्ताह नागरिकता (संशोधन) विधेयक-2011 पारित किया गया। इसके तहत किसी भी दूसरे देश का नागरिक उस स्थिति में प्रवासी भारतीय कार्ड पाने का हकदार होगा जब वह कार्डधारक बनने के समय भारतीय नागरिक हो अथवा संविधान लागू होने के बाद कभी भारत का नागरिक रहा हो। नए संशोधन के बाद विधेयक के अनुसार उस क्षेत्र के नागरिक भी प्रवासी भारतीय कार्ड पाने के हकदार होंगे जो 15 अगस्त, 1947 के बाद भारत का हिस्सा बना।

इस विधेयक में कहा गया है, ‘ऐसा कोई भी व्यक्ति प्रवासी भारतीय कार्ड के लिए पंजीकरण करने का हकदार नहीं होगा जो पाकिस्तान, बांग्लादेश अथवा ऐसे दूसरे देशों का नागरिक है अथवा कभी रहा हो।’ इस संशोधन के बाद किसी भारतीय नागरिक की पत्नी को प्रवासी भारतीय कार्ड मिल सकेगा, चाहे शादी का पंजीकरण विदेश में ही क्यों न हुआ हो। केंद्र सरकार उस प्रावधान में छूट दे सकती है जिसके तहत नागरिकता पाने के लिए किसी भी व्यक्ति को 12 महीने तक भारत में रहना जरूरी बताया गया था। (एजेंसी)

First Published: Sunday, August 18, 2013, 12:06

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