पार्टियों के चंदे का ऑडिट हो अनिवार्य : कुरैशी

पार्टियों के चंदे का ऑडिट हो अनिवार्य : कुरैशी

पार्टियों के चंदे का ऑडिट हो अनिवार्य : कुरैशीनई दिल्ली : पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस.वाई. कुरैशी ने राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे और धन के अनिवार्य सालाना लेखा परीक्षण की वकालत की है।

कुरैशी ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि राजनीतिक दलों का सारा चंदा पारदर्शी होना चाहिए। चुनाव आयोग द्वारा सुझाई गई किसी समिति में से स्वतंत्र लेखा परीक्षक द्वारा सालाना अनिवार्य ऑडिट कराया जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि इस ऑडिट की रिपोर्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘सभी को पता चलेगा कि धन कहां से आ रहा है। यह पता चलेगा कि क्या उन्हें (दलों को) किसी कॉरपोरेट से पैसा मिलता है और क्या एक या दो महीने के अंदर वे उन्हें फायदा तो नहीं पहुंचाते। लोगों को यह सब दिखाई देगा।
कुरैशी ने अपने कार्यकाल में राजनीतिक दलों को मिलने वाली आर्थिक मदद को और अधिक पारदर्शी बनाने और आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए राजनीतिक दलों के साथ बातचीत की थी।

कुरैशी ने कहा, ‘हमने इसमें सुधार के लिए और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए उनके साथ बातचीत की थी। लेकिन हम इसमें सहमति नहीं बना सके।’

क्या राजनीतिक दलों को सूचना के अधिकार कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए, इस सवाल पर कुरैशी ने कहा, ‘यह अच्छा विचार है।’ हाल ही में दो गैर सरकारी संगठनों ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि देश के राजनीतिक दलों ने 2004 से 2011 के बीच चंदे और अन्य स्रोतों से कुल 4,662 करोड़ रुपए अर्जित किए हैं। इसमें सत्तारूढ़ कांग्रेस 2,008 करोड़ रुपए की आय के साथ शीर्ष पर है जिसके बाद भाजपा 994 करोड़ रुपए की आय के साथ दूसरे स्थान पर है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, October 28, 2012, 15:27

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