Last Updated: Wednesday, November 28, 2012, 13:44

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त संतोष हेगड़े ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने में कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि वह भी अन्य लोक सेवकों की तरह हैं।
न्यापयमूर्ति हेगड़े ने कहा कि लोकपाल के दायरे में प्रधानमंत्री के होने में गलत क्या है? क्या प्रधानमंत्री लोक सेवक नहीं हैं? क्या अन्य देशों में प्रधानमंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले नहीं होते? जापान में हर दूसरे साल एक प्रधानमंत्री पर मुकदमा चलता है। (पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति) निक्सन पर मुकदमा चला। प्रधानमंत्री को लेकर इतनी महान बात क्या है? हेगड़े ने कहा कि पूर्व में भी भारतीय प्रधानमंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं और केवल राष्ट्रपति और राज्यपालों को अभियोजन से छूट प्राप्त है, प्रधानमंत्री को नहीं।
उन्होंने कहा कि हमने बोफोर्स और जेएमएम रिश्वतखोरी मामले में दो पूर्व प्रधानमंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप देखे थे। लोकतंत्र में किसी व्यक्ति को महज इसलिए अभियोजन से छूट कैसे दी जा सकती है, क्योंकि वह किसी पद पर हैं? संविधान कुछ मामलों में राष्ट्रपति और राज्यपालों को अभियोजन से छूट देता है। किसी ऐसे व्यक्ति पर यह सिद्धांत लागू नहीं हो सकता जो नियमित आधार पर कार्यकारी आदेश जारी करते हों। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 28, 2012, 13:23