Last Updated: Thursday, March 21, 2013, 19:37

नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने गुरुवार को कहा कि दुष्कर्म रोधी विधेयक में तेजाब से हमला, निर्वस्त्र करने और घूरने जैसे अपराधों के लिए विशेष दंड मुहैया कराए गए और यह कानून पुरुषों के खिलाफ नहीं है।
आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक 2013 पर राज्य सभा में हुई चर्चा का उत्तर देते हुए शिंदे ने कहा कि कानून में अवैध व्यापार जैसे अपराधों से निपटने के लिए कई नई धाराओं का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि यौन संबंधों के लिए सहमति की उम्र सीमा 18 वर्ष तय किए जाने का फैसला राजनीतिक दलों के साथ विमर्श के बाद लिया गया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय दंड संहिता में सहमति की उम्र सीमा 16 वर्ष निर्धारित है, लेकिन सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में उम्र सीमा बढ़ाकर 18 वर्ष कर दी गई थी।
विधेयक को कड़ा और दृढ़ करार देते हुए शिंदे ने कहा कि इसका आने वाले दिनों में असर दिखाई देगा।
उन्होंने कहा कि महिलाओं के सम्मान और उनमें सुरक्षा की भावना बढ़ाने के लिए मौजूदा कानून में बदलाव जरूरी था।
मंत्री ने कहा कि विधेयक में पीड़िता की शिकायत दर्ज नहीं करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ दंड का प्रावधान किया गया है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, March 21, 2013, 19:37