प्रधानमंत्री पद के लिए सुषमा स्वराज हैं बाल ठाकरे की पसंद

प्रधानमंत्री पद के लिए सुषमा स्वराज हैं बाल ठाकरे की पसंद

प्रधानमंत्री पद के लिए सुषमा स्वराज हैं बाल ठाकरे की पसंदनई दिल्ली/मुंबई : शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने कहा है कि लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज सहयोगी दल भाजपा में एकमात्र नेता हैं जो प्रधानमंत्री बनने के योग्य हैं। वहीं इसके जवाब में भाजपा का कहना है कि इस पद के लिए पार्टी में अनेक ‘काबिल’ नेता हैं। शिवसेना प्रमुख के बयान पर कांग्रेस का कहना है कि राजग को समय से पहले ही जोड़-घटाव करने की आदत है।

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित साक्षात्कार के तीसरे हिस्से में ठाकरे ने रविवार को कहा, ‘फिलहाल एक ही शख्स बुद्धिमान और प्रतिभाशाली हैं - वह हैं सुषमा स्वराज।’ उन्होंने ये बातें उस सवाल के जवाब में कहीं जिसमें उनसे पूछा गया था कि भाजपा की ओर से कौन अगला प्रधानमंत्री बन सकता है। शिवसेना प्रमुख ने कहा, ‘मैंने इसे कई बार कहा है- वह प्रधानमंत्री पद के लिए बढ़िया विकल्प होंगी। वह योग्य और बुद्धिमान महिला हैं। वह बढ़िया प्रदर्शन करेंगी।’

वहीं इसके जवाब में भाजपा नेता बलबीर पुंज ने दिल्ली में कहा कि उनकी पार्टी में अनेक ऐसे नेता हैं जो प्रधानमंत्री पद पर आसीन हो सकते हैं। पुंज ने कहा, ‘हमारे पास कई ऐसे नेता हैं जो प्रधानमंत्री बन सकते हैं। हम अपने अस्तित्व के लिए किसी एक परिवार पर निर्भर नहीं हैं और इसलिए अलग-अलग लोगों को हमारी पार्टी में अलग-अलग लोग दिखते हैं जो देश का नेतृत्व कर सकते हैं। हम बाला साहब के बयान का स्वागत करते हैं।’ पुंज के सुर से सुर मिलाते हुए पार्टी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘भाजपा में कई ऐसे नेता हैं जो प्रधानमंत्री बनने के योग्य हैं और देश को स्वीकृत हैं। इस बारे में चुनाव के समय भाजपा और अन्य राजग सहयोगियों द्वारा ही फैसला लिया जाएगा।

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, ‘राजग जनता के फैसले का इंतजार किए बिना प्रधानमंत्री का राजतिलक करने की बीमारी से पीड़ित है। भाजपा-राजग को समय से पहले ही जोड़ घटाव नहीं करना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘जहां 2007 में राजग में एक ‘प्राइम मिनिस्टर इन वेटिंग’ थे वहीं 2012 तक इनकी संख्या में बेतहाशा इजाफा हो रहा है।’ कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि जब शिवसेना ने सुषमा स्वराज का नाम प्रस्तावित कर ही दिया है तो सुषमा को महाराष्ट्र में बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रवासियों पर हमले पर अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट कर देना चाहिए।

ठाकरे ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की हालिया भविष्यवाणी पर भी निराशा जताई जिसमें उन्होंने कहा था कि अगली सरकार गैर-राजग और गैर संप्रग मोर्चे की हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने जो कुछ भी कहा उससे बाहर जाकर कुछ भी कहना मैं मुश्किल पाता हूं। इन लोगों से क्या कोई अपेक्षा करेगा। क्यों उन्होंने ऐसा कहा।’ यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा और शिवसेना के बीच गठबंधन मजबूत है तो ठाकरे ने कहा, ‘अब मैं मजबूत शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकता। सोच बदल गई है, व्यक्तिगत शत्रुता है, पार्टियों के बीच शत्रुता है। राजग में पहले वाजपेयी जैसे नेता थे। अब वैसा कोई नेतृत्व नहीं है। लेकिन मैं राजग के बारे में बात कर रहा हूं, भाजपा के बारे में नहीं।’ (एजेंसी)

First Published: Sunday, September 9, 2012, 09:23

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