प्रवासी मुद्दा उछालने पर दलों ने की राज की आलोचना

प्रवासी मुद्दा उछालने पर दलों ने की राज की आलोचना

नई दिल्ली : उत्तर भारतीय प्रवासियों को निशाना बनाने के लिए सुखिर्यों में रहने वाले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने हाल के छाया पत्रकार सामूहिक बलात्कार कांड जैसी घटनाओं के लिए बाहरियों पर दोषारोपण कर एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है, दरअसल विभिन्न दलों ने उन पर मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस ने मनसे प्रमुख पर सस्ते राजनीतिक फायदे लेने की कोशिश करने का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा, ‘मैं सोचता हूं कि वह सस्ते राजनीतिक फायदे के लिए मुद्दे का फिर राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे है। आप ऐसा कैसे कह सकते हैं? मुम्बई पुलिस ने एक व्यक्ति को पकड़ा है और अन्य के भी पकड़े जाने की संभावना है।’

पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता संजय निरूपम ने कहा, ‘जब शहर (मुम्बई) एक दुखभरे संकट से गुजर रहा है तब (किसी खास) समुदाय को आहत करने के लिए ऐसे बयान देने की कोई जरूरत नहीं है।’

उन्होंने कहा, ‘अपराधी अपराधी हैं। उनकी कोई बिरादरी नहीं होती और हर समुदाय या बिरादरी में अपराधी होते हैं। महज कुछ अपराधियों को लेकर आप पूरी बिरादरी को दोषी नहीं ठहरा सकते। मैं इस बयान की निंदा करता हूं।’

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि सामूहिक बलात्कार कांड के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, चाहे वे बाहरी हो या अंदरूनी। राज ठाकरे के इस बयान पर कि राज्य का प्रभार उन्हें मिलने पर वह चीजें दुरूस्त कर देगे, लालू प्रसाद यादव ने कहा, ‘लोग उन्हें प्रभार सौंपने ही नहीं जा रहे।’

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद से जब राज ठाकरे के इस बयान के बारे में पूछा गया कि राकांपा कांग्रेस सरकार सही ढंग से शासन नहीं चला रही है तब उन्होंने कहा, ‘यह ऐसा अवसर नहीं है जब हम यह तय करें। जब चुनाव होते हैं तब यह मामले तय होते हैं।’

राज ठाकरे के बाहरी संबंधी बयान पर खुर्शीद ने कहा, ‘ये बहुत ही जटिल मुद्दे हैं। मैं नहीं समझता कि किसी के एक बयान से इस बात की पूरी व्याख्या मिल सकती है कि क्या हो रहा है। मैं स्थिति और जटिल नहीं करना चाहूंगा।’

राज ठाकरे से शुक्रवार को जब एक टीवी चैनल ने 23 साल की छाया पत्रकार के सामूहिक बलात्कार के बारे में पूछा गया था तब उन्होंने ऐसी घटनाओं में वृद्धि के लिए बाहरियों को जिम्मेदार ठहराया था।

मनसे प्रमुख ने कहा था, ‘यदि हरिवंश बच्चन जैसे प्रतिभाशाली लोग शहर में आते है। तो मैं उनका भव्य स्वागत करूंगा लेकिन जब मुम्बई और दिल्ली जैसे शहरों में हर जगह से अपराधी आने लगे तब आप क्या करेंगे। आप ऐसी घटनाओं पर कैसे अंकुश लगायेंगे।’ (एजेंसी)

राज ठाकरे ने कहा था कि न केवल मुम्बई में बल्कि हर शहर में बाहरियों के आने पर अंकुश होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘यदि आप नहीं जानते कि शहर में कौन आ रहा है और यहां से कौन जा रहा है तब ऐसी चीजें होंगी।’ उन्होंने कहा कि वह किसी भी राज्य के लोगों से नफरत नहीं करते लेकिन समस्या को समझना होगा।

खुर्शीद ने कहा कि लबोलुबाब यह है कि यह घटना बहुत ही दुखद है और इसके समाधान के लिए लघुकालिक और दीर्घकालिक कदमों पर गौर करने की जरूरत है। समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि केवल कड़े कानून से सभी कुछ हासिल नहीं हो सकता, सामाजिक ढांचा एवं लोगों की सोच बदलने की जरूरत है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, August 24, 2013, 17:44

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