Last Updated: Tuesday, August 20, 2013, 23:06

नई दिल्ली : लोकसभा में खाद्य सुरक्षा विधेयक को पारित कराने के कांग्रेस के प्रयासों को मंगलवार को मजबूती मिली जब सपा, बसपा और जदयू ने विधेयक को समर्थन देने की बात कही। लोकसभा में इन तीनों दलों के सदस्यों की संख्या 63 है।
बसपा और जदयू ने जहां सरकार के इस महत्वाकांक्षी विधेयक को सैद्धांतिक समर्थन जताया वहीं सपा ने सशर्त समर्थन जताया।
जदयू प्रवक्ता के सी त्यागी ने कहा, ‘इससे कई लोगों को लाभ मिलेगा। इसलिए हमने इसका समर्थन करने का फैसला किया है।’ उन्होंने कहा कि विधेयक से बिहार में 86 प्रतिशत लोगों को लाभ मिलेगा जहां उनकी पार्टी सत्ता में है।
भाजपा के साथ गठबंधन समाप्त होने के बाद कांग्रेस के करीब आती दिखाई दे रही जदयू के लोकसभा में 20 और राज्यसभा में आठ सदस्य हैं। त्यागी ने कहा कि संप्रग सरकार ने उनकी पार्टी द्वारा विधेयक में प्रस्तावित तीन संशोधनों में से दो को मंजूर कर लिया है।
समाजवादी पार्टी ने विधेयक पर अपना रुख तय करने के लिए संसदीय दल की बैठक की और समर्थन देने के लिए कुछ शर्तें रखीं।
सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि उनकी पार्टी विधेयक का समर्थन करेगी बशर्ते उनके द्वारा सुझाये संशोधनों को मंजूर कर लिया जाए। यादव ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने संशोधन पेश किये हैं और हम इसके लिए दबाव बनाएंगे। अगर संशोधनों को स्वीकार कर लिया जाता है तो ठीक है अन्यथा हम इसका विरोध करेंगे।’
सपा ने प्रस्तावित विधेयक में चावल के साथ दालें भी देने के लिए संशोधन पेश किया है। पार्टी चाहती है कि किसानों को उनकी फसलों के लिए आवश्यक लाभ मिले। खाद्य मंत्री के वी थॉमस और संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कल सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से मिलकर विधेयक पर उनका समर्थन पाने का प्रयास किया था।
केंद्र सरकार आज (मंगलवार को) पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर विधेयक पारित कराना चाहती थी लेकिन फिर से उठे कोलगेट मामले ने संसद की कार्यवाही को बाधित कर दिया।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी पूरी तरह विधेयक के समर्थन में है लेकिन उनकी पार्टी चाहती है कि सरकार कुछ संशोधनों पर विचार करे जिनमें प्रत्येक परिवार को दिये जाने वाले अनाज की मात्रा बढ़ाना शामिल है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 20, 2013, 23:06