Last Updated: Tuesday, April 10, 2012, 17:09
भुवनेश्वर : ओडिशा में एक इतालवी नागरिक और एक विधायक को बंधक बनाने वाले दो माओवादी समूहों द्वारा तय समय सीमा आज खत्म होने पर एक समूह ने दावा किया कि ओडिशा सरकार उनकी मांगों को पूरा करने को लेकर स्पष्ट नहीं है। मीडिया को भेजे ताजा ऑडियो संदेश में भाकपा (माओवादी) की ओडिशा राज्य संगठन समिति के सचिव सव्यसाची पांडा ने राज्य सरकार पर इतालवी पाओलो बोसुस्को की रिहाई के लिए उनकी मांगों को पूरा करने में हीलाहवाली का रूख अख्तियार करने का आरोप लगाया। इसी समूह ने बोसुस्को को बंधक बना रखा है। यह जिक्र करते हुए कहा कि उसके समूह ने जेल मं बंद सात लोगों को रिहा करने समेत 13 मांगें रखीं हैं, उसने कहा कि सरकार का जवाब स्पष्ट नहीं है।
पांडा ने कहा कि उसे अबतक उस संयुक्त बयान की प्रति मिलनी बाकी है जिसपर मांगों को पूरा करने के सिलसिले में सात अप्रैल को सरकारी प्रतिनिधियों और माओवादियों के मध्यस्थों ने हस्ताक्षर किए थे। सूत्रों ने कहा कि संयुक्त बयान की प्रतियां कंधमाल जिले में वन में भेजने के लिए कदम उठाए गए हैं, माना जाता है कि वहीं पांडा मौजूद है। गृहसचिव यूएन बेहेरा ने कहा कि उम्मीद की जाती है कि सरकारी प्रतिनिधियों और माओवादियों के नामजद मध्यस्थों की ओर से जारी संयुक्त बयान सब्यसाची पांडा तक पहुंच गया है। हालांकि माओवादी बोसुस्को की रिहाई या किसी कोई समय समीप पर चुप्प हैं। पांडा की पत्नी सुभाश्री दास उर्फ मिली पांडा को आज एक अदालत ने सबूत के अभाव में बरी कर दिया। सुभाश्री को भी रिहा करने की मांग की गई थी।
सत्तारूढ़ बीजद के विधायक झीना हिकाका को बंधक बनाने वाले दूसरे माओवादी समूह आंध्र ओडिशा सीमा विशेष जोनल समिति ने तत्काल 30 लोगों को रिहा करने और विधायक को छोड़ने के बदल इन तीनों को व्यक्तिगत रूप से सामने लाने की मांग की है। उसकी मांगों को पूरा करने की समय सीमा भी आज समाप्त हो गई। दोनों समूहों से हिकाका और बोसुस्को को छोड़ने की ताजा अपील करते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा है कि पांच दिन पहले जिन 27 कैदियों के नामों की घोषणा की थी उनके सिलसिले में कुछ निश्चित कानूनी प्रक्रिया का पालन करना है। राज्य सरकार ने दोनों माओवादी समूहों से जेल में बंद कैदियों को सीधे रिहा करने के बजाय उनकी रिहाई के लिए जमानत आवेदन देने को कहा है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 11, 2012, 00:25