Last Updated: Tuesday, April 10, 2012, 03:26
भुवनेश्वर : दोहरे बंधक संकट से जूझ रही ओडिशा सरकार ने दो माओवादी समूहों को सलाह दी है कि उन्होंने जिन कैदियों की शीघ्र रिहाई की मांग की है, उनके लिए जमानत याचिका दायर करें। लेकिन पुलिस ने किसी भी कट्टर माओवादी की रिहाई पर नक्सल विरोधी अभियान का बहिष्कार करने की सरकार को धमकी दी है।
सरकार के समक्ष दोहरी समस्या खड़ी हो गई बै क्योंकि ओडिशा पुलिस एसोसिएशन और ओडिशा कांस्टेबल, हवलदार और सिपाही महासंघ ने चेतावनी दी है कि चेंदा भूषणम उर्फ घासी जैसे कट्टर माओवादियों को रिहा करने के किसी भी कदम का पुरजोर विरोध करने के साथ ही वे नक्सली क्षेत्र में ड्यूटी से हट जाएंगे। घासी कम से कम 55 सुरक्षाकर्मी की हत्या के मामले में आरोपी है।
यह चेतावनी ऐसे समय में आयी है जब विधायक झीना हिकाका और इतालवी नागरिक पाओलो बोसुस्को के अपहर्ताओं ने नई मांगें रख दी हैं। अपहर्ताओं ने विधायक को छोड़ने के बदले 30 कैदियों को रिहा करने की मांग की है। उनकी इस मांग के एक दिन बाद गृहसचिव यू एन बेहरा ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार विधायक को मुक्त किये जाने के बदले 23 लोगों की रिहाई में सहयोग के लिए तैयार है जिनमें चासी मुलिया आदिवासी संघ (सीएमएएस) के 15 सदस्य हैं।
गृहसचिव ने कहा, ‘हम आशा करते हैं कि अपहर्ता दोनों बंधकों को शीघ्र ही बिना कोई नुकसान पहुंचाए और बेहतर स्थिति में रिहा कर देंगे।’ बोसुस्को के अपहर्ताओं द्वारा सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की है कि वह कितने माओवादियों को छोड़ेगी, उन्होंने कहा कि ऐसा जान पड़ता है कि सरकार के प्रतिनिधियों और माओवादी मध्यस्थों के बीच हुए समझौते के बयान की सामग्री माओवादी ओडिशा राज्य संगठन समिति के सचिव सव्यसाची पांडा तक नहीं पहुंची है।
उन्होंने कहा कि माओवादियों के नामित मध्यस्थों- बीडी शर्मा और दंडपाणि मोहंती से कहा गया है कि संयुक्त बयान की एक प्रति पांडा को भेजे ताकि उसका जो भी भ्रम हो दूर हो और पाओलो बोसुस्को को रिहा किया जाए। संबंधित दोनों माओवादी समूहों द्वारा तय समयसीमा आज समाप्त हो रही है। ऐसे में सरकार ने पुलिस से भूषणम समेत कट्टर माओवादियों को छोड़ने पर पुलिस से राय मांगी है।
ओपीए के अध्यक्ष स्वरमल शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम कट्टर माओवादियों को छोड़ने के किसी भी कदम का पुरजोर विरोध करेंगे। यदि आवश्यक हुआ तो हम उनकी रिहाई रोकने के लिए सघन आंदोलन भी छेड़ेगे।’ शर्मा ने कहा कि यदि स्थिति ऐसी पैदा हुई तो पुलिसकर्मी माओवादी विरोधी अभियान से हटने के लिए बाध्य हो जाएंगे और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ड्यूटी का बहिष्कार करेंगे। ऐसी ही चेतावनी भेजते हुए ओडिशा कांस्टेबल, हवलदार एवं सिपाही महासंघ ने कहा कि यदि कट्टर माओवादी छोड़े जाते हैं तो पुलिसकर्मी माओवादी विरोधी अभियान का बहिष्कार करेंगे। राज्य सरकार माओवादियों की रिहाई पर विभिन्न विकल्पों का आकलन कर रही है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 10, 2012, 13:46