Last Updated: Sunday, May 5, 2013, 13:43
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली : प्रधानमंत्री आवास पर सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक खत्म होने के बाद सूत्रों के हवाले से जो खबर आई है उसके मुताबिक पवन कुमार बंसल रेल मंत्री के पद पर फिलहाल बने रहेंगे। उनके इस्तीफे की पेशकश पर फैसला नहीं लिया जा सका। रविवार को एक बार फिर कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक हो सकती है।
नई दिल्ली : रिश्वतखोरी के मामले में रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के भांजे विजय सिंघला की गिरफ्तारी से कांग्रेस और संप्रग सरकार को जोर का झटका लगा है और मंत्रिमंडल में उनके बने रहने पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं।
मंत्रिमंडल से बंसल को हटाने और उनपर मुकदमा चलाने की मांग तेज होने के बीच सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस कोर ग्रुप की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निवास 7 आरसीआर पर शनिवार शाम को बैठक हुई जो बेनतीजा रही। इससे पहले दिन में बंसल ने प्रधानमंत्री से भेंट कर अपनी सफाई दी थी। सूत्रों ने बताया कि बंसल ने इस्तीफे की पेशकश नहीं की और कोर ग्रुप की बैठक में उन्होंने सफाई दी एवं दावा किया कि उनका अपने भांजे से कोई कारोबारी संबंध नहीं है और न ही निर्णय लेने में उन पर उसका कोई असर होता है।
सोमवार को संसद शुरू होने से पहले इस विषय पर कोई संभावित फैसला करने के लिए रविवार को कोर ग्रुप की फिर बैठक हो सकती है। शनिवार की बैठक में वरिष्ठ मंत्री एके एंटनी, सुशील कुमार शिंदे, सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल भी संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ के साथ मौजूद थे।
वरिष्ठ पार्टी सूत्रों ने बताया कि कोर ग्रुप की बैठक में भी बंसल ने इस्तीफे की पेशकश नहीं की। मंत्रिमंडल में उनके बने रहने या नहीं बने रहने के बारे में अब रविवार को कोर ग्रुप की बैठक में निर्णय लिया जा सकता है। अपनी ओर से बंसल ने सिंगला से दूरी बनाई। शुक्रवार रात सीबीआई ने सिंघला को रेलवे बोर्ड के सदस्य महेश कुमार के लिए मलाईदार पद की व्यवस्था करने के लिए कथित रूप से 90 लाख रुपए रिश्वत लेने को लेकर गिरफ्तार किया था।
अपने बयान में 64 वर्षीय बंसल ने दावा किया कि सार्वजनिक जीवन में उन्होंने हमेशा उच्च नैतिक मापदंड का पालन किया है और निर्णय लेने में उन्हें कोई प्रभावित नहीं कर सकता। उन्होंने मुद्दे की तेजी से जांच की भी मांग की। सबसे रोचक बात यह है कि कांग्रेस भले ही उनके बचाव में आज दिखी और पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेद्वी ने बंसल के इस्तीफे की मांग यह कहते हुए खारिज कर दी कि इस तरह की मांग करना विपक्ष की बीमारी हो गई है। लेकिन जिस तरह बंसल से संबंधित घटनाक्रम हुआ, उससे कांग्रेस के हलकों में स्तब्धता और आश्चर्य का माहौल है क्योंकि बंसल की स्वच्छ एवं निर्विवाद छवि रही है।
भाजपा ने इस मामले को लेकर रेल मंत्री को बर्खास्त किये जाने और उनके खिलाफ सीबीआई जांच कराने की मांग की है। विपक्ष ने रेल मंत्री को हटाने और रेलवे बोर्ड में शीर्ष स्तर पर पद दिलाने के नाम पर घूस लेने के मामले में उनके भांजे को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के मद्देनजर बंसल के खिलाफ मुकदमा चलाने की भी मांग की है।
First Published: Saturday, May 4, 2013, 19:30