Last Updated: Tuesday, December 13, 2011, 12:06
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु और केरल से समझदारी और संवेदनशीलता दिखाने का आग्रह करते हुए मुल्लापेरियार बांध गतिरोध पर अपने बयानों से बचने को कहा । न्यायालय ने कहा कि बयानों से आग बुझने के बजाए भड़क रहा है।
न्यायमूर्ति डीके जैन की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने तमिलनाडु से कहा कि वह सुनिश्चित करे कि बांध में पानी का स्तर 136 फुट से ज्यादा नहीं बढ़े, साथ ही केरल की याचिका को नामंजूर कर दिया जिसमें जल स्तर 120 फुट करने की मांग की गई थी। इसने केंद्र से कहा कि तमिलनाडु की याचिका पर वह अपना रुख स्पष्ट करे जिसने बांध को संभावित तोड़फोड़ से बचाने के लिये केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल :सीआईएसएफ: की तैनाती की मांग की है । पीठ ने कहा कि दोनों पक्ष आग बुझाने की बजाए उसे भड़का रहे हैं। समझदारी और संवेदनशीलता होनी चाहिए।
सर्वोच्च न्यायालय ने मुल्लापेरियार बांध की सुरक्षा के लिए तमिलनाडु सरकार द्वारा वहां केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की तैनाती के अनुरोध पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति डीके जैन की अध्यक्षतावाली संविधान पीठ ने सरकार से गुरुवार तक इस मामले में जवाब मांगा है।
न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार से भी यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि बांध की ऊंचाई 136 फीट से अधिक नहीं की जाए, जैसा कि पूर्व के आदेश में कहा गया है। न्यायालय ने केरल सरकार की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें जलस्तर 136 फीट से घटाकर 120 फीट करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 13, 2011, 21:12