Last Updated: Tuesday, June 19, 2012, 19:11
पटना/भुवनेश्वर: भीषण गर्मी से जूझ रहे बिहार लोगों के लिए राहत और किसानों के लिए आशा पैगाम लेकर दक्षिण पश्चिम मानसून मंगलवार को बिहार पहुंच गया और इसके अगले दो तीन दिनों तक सक्रिय रहने की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डीसी गुप्ता ने बताया कि आज भारतीय मानक समयानुसार सुबह साढे आठ बजे दक्षिण पश्चिम मानसून बिहार और झारखंड की सरहद में प्रवेश कर गया। इसके कारण राज्य भर में कई स्थानों पर छिटपुट तथा अरवल में सबसे अधिक 110 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। उधर, दो दिनों पहले ओडिशा में प्रवेश करने वाला दक्षिण पश्चिम मानसून अब मंगलवार को पूरे राज्य में छा गया।
गुप्ता ने बताया कि मानसून के आगे बढने की अनुकूल संभावनाएं हैं। अगले दो से तीन दिन तक मानसून बिहार तथा झारखंड में सक्रिय रहेगा। उन्होंने बताया कि बारिश के कारण गर्मी से बिहार को लोगों को राहत मिली है और कृषकों के लिए भी आशा जगी है। बीते रविवार से ही राज्य में ठंडी हवाएं चलने लगी थी, जिससे मानसून के पहुंचने के संकेत मिलने लगे थे।
उन्होंने बताया कि पटना में 3.4 मिमी, गया में 29.2, मुजफ्फरपुर में 1.4, डिहरी में 85.2, सुपौल में 1.2 मिमी, मुंगेर में 42 मिमी बारिश हुई है। सबसे अधिक 110 मिमी बारिश अरवल में दर्ज की गई। गुप्ता ने बताया कि झारखंड के रांची में 23.2 मिमी, जमशेदपुर हवाई अड्डा के पास 42. 5 और शहर में 35.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। अच्छा मानसून रहने के कारण खरीफ विपणन मौसम 2011-12 में बिहार में 70 लाख टन से भी अधिक धान की पैदावर हुई थी।
उधर, दो दिनों पहले ओडिशा में प्रवेश करने वाला दक्षिण पश्चिम मानसून अब मंगलवार को पूरे राज्य में छा गया। यह जानकारी मौसम कार्यालय ने यहां दी। भुवनेश्वर स्थित मौसम केंद्र के निदेशक एससी साहू ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून मंगलवार पूरे राज्य में छा गया। बेहतर मानसून इस राज्य के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि केरल एक कृषि प्रधान राज्य है और यहां की 73 फीसदी आबादी की जीविका कृषि से चलती है। देश में धान की उपज में ओडिशा की 10 फीसदी हिस्सेदारी है। मानसून आमतौर पर ओडिशा में 10 जून तक पहुंचता है, लेकिन इस साल इसमें करीब एक सप्ताह की देरी हुई। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 19, 2012, 19:11