Last Updated: Sunday, September 23, 2012, 12:43
नई दिल्ली : योजना आयोग द्वारा प्रस्ताव मंजूर किए जाने के साथ ही राष्ट्रीय औसत से कम साक्षरता दर वाले बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल तथा छह अन्य राज्यों को सर्व शिक्षा अभियान के तहत केंद्र और अधिक कोष उपलब्ध कराएगा। इन राज्यों को कोष मौजूदा 65:35 के मुकाबले 75 : 25 के अनुपात में मिलेगा।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इसमें हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को भी पूर्वोत्तर राज्यों के साथ शामिल किया जाएगा जहां कोष का अनुपात 90 : 10 है। प्रस्ताव लागू होने से पहले इस पर राष्ट्रीय विकास परिषद विचार करेगी।
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राष्ट्रीय साक्षरता की औसत दर 74.04 प्रतिशत है, जबकि बिहार में 63.8 और उत्तर प्रदेश में 71.7 प्रतिशत है। ओड़िशा में साक्षरता दर 65.9 है, जबकि राजस्थान में 67.1, झारखंड में 67.6 और मध्य प्रदेश की साक्षरता दर 70.6 प्रतिशत है ।
बिहार और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्य मांग कर रहे थे कि कोष में केंद्र को अपनी हिस्सेदारी और बढ़ानी चाहिए। उनका तर्क था कि वह सर्व शिक्षा अभियान कार्यक्रम के लिए अपने हिस्से को पूरा कर पाने में असमर्थ हैं।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत छह से 14 साल तक की उम्र के बच्चों के लिए उनके मौलिक अधिकार के रूप में शिक्षा को नि:शुल्क एवं आवश्यक बनाया गया है । इस कार्यक्रम के तहत उन जगहों पर स्कूल खोले जाने हैं जहां स्कूलों की व्यवस्था नहीं है । इसमें अतिरिक्त कक्ष, शौचालय, पेयजल जैसी सुविधाएं सुनिश्चित कर विद्यालयों के मौजूदा ढांचे को भी मजबूत किए जाने का प्रावधान है ।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत खर्च 2010-11 के 32 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2011-12 में 38 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया। वर्ष 2000-2001 में लागू होने के बाद से सर्व शिक्षा अभियान के तहत करीब तीन लाख नए स्कूल खुले हैं और शिक्षकों के 20 लाख पद मंजूर किए गए हैं। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 23, 2012, 12:43