बीजेपी की बैठक में मंच पर मुख्‍य केंद्र में होंगे आडवाणी-मोदी

बीजेपी की बैठक में मंच पर मुख्‍य केंद्र में होंगे आडवाणी-मोदी

बीजेपी की बैठक में मंच पर मुख्‍य केंद्र में होंगे आडवाणी-मोदीज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

सूरजकुंड: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी एवं परिषद की बैठक का शुक्रवार को तीसरा व अंतिम दिन है। बीते दो दिनों में भाजपा की ओर से यूपीए सरकार पर उसकी नीतियों एवं घोटालों के खिलाफ हमलों का क्रम आज के सत्र में भी जारी रहने की उम्‍मीद है।

इस बात की संभावना है कि आज एक राजनीतिक संकल्‍प को पारित किया जा सकता है। भाजपा के वरिष्‍ठ नेताओं के बीच लाल कृष्‍ण आडवाणी और गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी आज जनसमूह को संबोधित करेंगे और मंच पर साथ-साथ दिखेंगे। भाजपा की ओर से आज पार्टी के संविधान में संशोधन किए जाने की पूरी संभावना है, जिसके बाद नितिन गडकरी दूसरी बार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकेंगे ।

इससे पहले, भाजपा ने खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मुखालफत को और कड़ा करते हुए गुरुवार को ऐलान किया कि ‘हम डंके की चोट पर कहते हैं कि छोटे व्यापारियों को बर्बाद करने वाले एफडीआई को देश में नहीं लाने देंगे।’ गडकरी ने यहां पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में उक्त चुनौती देते हुए कहा कि भाजपा की ओर से संसद के अगले सत्र में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली के नेतृत्व में इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया जाएगा और सरकार को एफडीआई पर फैसला वापस करने के लिए मजबूर कर देंगे। इस बाबत कोई समझौता नहीं होगा।

एफडीआई पर स्पष्ट रुख नहीं अपनाने के भाजपा पर लगाए जा रहे आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताते हुए उन्होंने कहा कि हम यह कहना चाहते हैं कि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई छोटे व्यापरियों की जीविका को चोट पहुंचाएगी। हम भारत के मल्टी ब्रांड किराना व्यापार में एफडीआई को नहीं आने देंगे। भाजपा के सुधार विरोधी होने के आरोपों को गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने वित्त संबंधी संसद की स्थाई समिति में 11 वित्त विधेयकों की सिफारिश की है लेकिन सरकार उन्हें आज तक संसद में नहीं लाई और एफडीआई का विरोध करने पर हम पर आर्थिक सुधारों के खिलाफ होने का आरोप लगाती है।

एक महिला कार्यकर्ता ने आरोप लगाया है कि गडकरी ने उसे राकांपा के अंतर्गत महाराष्ट्र में सिंचाई परियोजनाओं में हुई कथित गड़बड़ियों का मुद्दा उठाने से रोक दिया था। इस बयान के बाद गडकरी विवादों में घिर गए हैं। पूरे दिन पार्टी इन आरोपों से बचने की कोशिश करती रही और शाम को गडकरी ने आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि दमानिया को कानूनी नोटिस भेजकर तत्काल ‘झूठी, निराधार और मानहानिकरक टिप्पणियों’ को वापस लेने तथा सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की मांग की।

गुरुवार को मुख्य बातों में आर्थिक प्रस्ताव शामिल रहा जिसमें मल्टी-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के निर्णय को वापस लेना और वर्ष 2004 से अभी तक के उन सभी कोल ब्लॉकों का आवंटन रद्द करना, जिन पर घोटाले का दाग लगा है, की बात की गई है। राष्ट्रीय परिषद् द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव में कोल-गेट कांड की जांच करने के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की भी मांग की गई है।

प्रस्ताव में डीजल मूल्य में बढ़ोत्तरी को तुरंत वापस लेने, घरेलू गैस सिलेंडरों की सीमा को समाप्त करने की मांग की गई है और सरकार से उर्वरकों के दाम तत्काल कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा गया है।

First Published: Friday, September 28, 2012, 11:00

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