भाजपा और जदयू गठबंधन टूट की कगार पर!

भाजपा और जदयू गठबंधन टूट की कगार पर!

भाजपा और जदयू गठबंधन टूट की कगार पर!नई दिल्ली : राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सहयोगी और बिहार में सत्तारुढ़ जदयू ने कहा है कि अगर भाजपा के साथ उसका गठजोड़ नहीं चला और हालात ऐसे बने तो पार्टी अगला लोकसभा चुनाव बिहार में अकेले लड़ने के लिए तैयार है।

दिल्ली में जदयू की रैली से एक दिन पहले बातचीत में पार्टी महासचिव और प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने कहा कि जदयू गठबंधन बनाए रखना चाहती है लेकिन उसी समय पार्टी बिहार की सभी सीटों पर अपनी पूरी ताकत से चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा, ‘जो पार्टी यह कहती है कि वह अकेले सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं है वह बेवकूफ पार्टी है जिसे अपनी चुनावी और सांगठनिक शक्ति पर भरोसा नहीं है।’ भाजपा की बिहार इकाई के पूर्व अध्यक्ष सीपी ठाकुर ने हाल ही में कहा था कि उनकी पार्टी बिहार में सभी लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयारी कर रही है।

तिवारी ने कहा, ‘हमने हाल ही में सुना कि बिहार के कई भाजपा नेताओं ने कहा कि वे बिहार की सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था में हर पार्टी को अपना आधार बढ़ाने का अधिकार है जिसमें वे (भाजपा) भी शामिल हैं और हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है।’

तिवारी ने कहा, ‘अगर भाजपा ऐसा कहती है तो हम भी सारी सीटों पर अपनी पूरी ताकत से लड़ने के लिए तैयार हैं। हालांकि मुझे लगता है कि यह काल्पनिक सवाल है क्योंकि हम अपनी कठिनाइयों के बावजूद 17 साल पुराने गठबंधन को जारी रखना चाहेंगे।’ सीपी ठाकुर के बयान का भाजपा के अनेक नेताओं ने समर्थन किया था जिनमें बिहार सरकार के मंत्री गिरिराज सिंह के साथ रामेश्वर चौरसिया भी शामिल हैं जिन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का कट्टर समर्थक माना जाता है।

हालांकि बिहार के उप-मुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील मोदी ने उक्त भाजपा नेताओं के बयान से इत्तेफाक नहीं जताया। सुशील मोदी प्रधानमंत्री पद के दावेदार के तौर पर नरेंद्र मोदी को पेश करने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरह ही पहले कई बार आपत्ति जता चुके हैं। वह गठबंधन को जारी रखने की वकालत करते रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग के साथ दिल्ली में 17 मार्च को आयोजित की जा रही जदयू की रैली का उद्देश्य बिहार में अधिक से अधिक लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने के लिहाज से शक्ति प्रदर्शन करना है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, March 16, 2013, 23:52

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