Last Updated: Tuesday, November 6, 2012, 23:11

नई दिल्ली : नितिन गडकरी के इस्तीफे की मांग और पार्टी में इस विषय पर मतभेद की खबर के बीच आज पार्टी के कोर ग्रुप की बैठक में भाजपा अध्यक्ष को उनपर लग रहे आरोपों से क्लीनचिट देने का प्रयास करते हुए कहा गया कि मुखौटा कंपनियों में उनकी वैधानिक या नैतिक सहभागिता नहीं है। बैठक के आरएसएस के वित्तीय विशेषज्ञ एस गुरूमूर्ति ने गडकरी से जुड़ी कंपनियों के वित्तीय लेनदेन की समीक्षा कर एक रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें किसी तरह के गलत कार्यो में शामिल नहीं पाया गया। कोर ग्रुप ने इस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया।
पिछले एक पखवाड़े में पार्टी ने दूसरी बार सार्वजनिक तौर पर गडकरी का समर्थन किया है। इससे पहले पार्टी सांसद राम जेठमलानी ने इन आरोपों के मद्देनजर गडकरी से तत्काल इस्तीफा देने की मांग करते हुए कहा था कि उन्हें जसवंत सिंह और यशवंत सिन्हा का समर्थन प्राप्त है।
कोर ग्रुप की बैठक में पार्टी के महासचिव भी शामिल हुए लेकिन वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी बैठक में नहीं आए। समझा जाता है कि वह गडकरी के अध्यक्ष पद पर बने रहने से नाराज है। बैठक में गडकरी भी शामिल नहीं हुए क्योंकि इसमें उनकी कंपनी के बारे में ही रिपोर्ट पेश की जा रही थी। कोर ग्रुप की बैठक के बाद भाजपा के प्रधान प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने सुषमा स्वराज और अरूण जेटली का संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि पार्टी इस बात को मानती है कि गडकरी मुखौटा कंपनियों के वित्तीय लेनदेन में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल नहीं है।
संयुक्त बयान में कहा गया है कि पार्टी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि गडकरी का उन 18 कंपनियों में कोई प्रत्यक्ष या परोक्ष हित नहीं जुड़ा हुआ है जिन्होंने पूर्ति समूह में निवेश किया है। रविशंकर प्रसाद ने बयान पढ़ते हुए कहा, पार्टी को गडकरी के नेतृत्व में पूरा विश्वास है और सभी नेताओं से यह अपील की जाती है कि वह सर्वजनिक तौर पर कोई बयान जारी नहीं करें।
इस बैठक के बाद गडकरी को कुछ राहत तो मिली है लेकिन हाल की घटनाओं के कारण पार्टी को उन्हें दोबारा अध्यक्ष बनाने पर फिर से विचार करना पड़ सकता है। गडकरी का कार्यकाल दिसंबर में समाप्त हो रहा है और उन्हें दूसरा कार्यकाल प्रदान करने के लिए पार्टी के संविधान में कुछ संशोधन किया गया है।
कल पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य महेश जेठमालानी ने इस्तीफा दे दिया था और आज राम जेठमलानी ने उनके इस्तीफे की मांग की थी। उन्होंने इस विषय पर आडवाणी को पत्र लिखा था और दावा किया था कि उन्हें तीन नेताओं का समर्थन प्राप्त है। जसवंत सिंह ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया वहीं शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि वह इस ग्रुप का हिस्सा है।
जेठमलानी ने आज की बैठक का एजेंडा तय कर दिया था और इस विषय पर कई दौर की बैठकें हुई। गडकरी स्वयं जेटली और सुषमा स्वराज के घर गए। सुषमा ने बाद में आडवाणी समेत कई नेताओं से मुलाकात की। समझा जाता है कि आडवाणी इस पद पर गडकरी के बने रहने से नाराज है और सुषमा, अनंत कुमार, बलवीर पुंज ने उनसे मिलकर उन्हें कोर ग्रुप में हिस्सा लेने के लिए मनाने की कोशिश की।
आडवाणी के कोर ग्रुप में शामिल नहीं होने को कमतर करने की कोशिश करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि गुरूमूर्ति ने उन्हें पहले ही रिपोर्ट से अवगत करा दिया था।
समझा जाता है कि गुरूमूर्ति ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई है और वह इस मुद्दे पर आडवाणी और जेठमालानी से मिले और उन्हें मनाने का प्रयास किया। बाद में जेठमलानी ने कहा कि वह दस्तावेज देखना चाहेंगे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 6, 2012, 21:49