भारत-फ्रांसीसी उपग्रह प्रक्षेपण के लिए तैयार

भारत-फ्रांसीसी उपग्रह प्रक्षेपण के लिए तैयार

नई दिल्ली : पर्यावरण में बदलाव का अध्ययन करने के लिए एक उपग्रह के छोड़े जाने के साथ भारत-फ्रांस अंतरिक्ष सहयोग के नयी उंचाइयों पर पहुंचने की उम्मीद है। इसे फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलोंद की अगले हफ्ते होने वाली यहां की यात्रा के कुछ ही समय बाद छोड़ा जाएगा। सरल-अल्टिका उपग्रह भारत और फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसियों की संयुक्त परियोजना है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 22 फरवरी और 25 फरवरी के बीच प्रक्षेपण की तारीख की पहचान की है जिस दौरान श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष यान 450 किलोग्राम के भारतीय-फ्रांसीसी उपग्रह को कक्षा में प्रविष्ट कराएगा। भारत का वार हाउस रॉकेट और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (पीएसएलवी) उपग्रह को कक्षा में प्रविष्ट कराएगा।

सैटेलाइट विद अर्गोस एंड अल्टिका का संक्षिप्त रूप सरल है। इसके दो मुख्य उपकरण फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी सीएनईएस ने प्रदान किए हैं। अंतरिक्ष यान बनाने के अतिरिक्त इसरो इसका प्रक्षेपण करेगा और आजीवन इसका संचालन करेगा। सरल महासागर केंद्रित उपग्रहों में से एक होगा और यह समुद्र की सतह की उंचाइयों और अन्य पहलुओं के अध्ययन में महत्वपूर्ण साबित होगा।

इससे पहले, उपग्रह का प्रक्षेपण पिछले साल दिसंबर में किया जाना था लेकिन कुछ जांचों और प्रमाणीकरण को पूरा करने के लिए इसे टाल दिया गया था। अल्टिका केए-बैंड अल्टीमीटर तंत्र है, जो समुद्र स्तर में वृद्धि की सटीक माप को समर्पित है।

उपग्रह समुद्र की स्थिति, हल्की वर्षा, माध्य समुद्र स्तर और तटीय अल्टीमीटर के अध्ययन में उपयोगी साबित होगा। उपग्रह समुद्र के स्तर में वृद्धि पर सटीक आंकड़ा जुटाने में महासागर विज्ञानियों की मदद करेगा। समुद्र के स्तर में वृद्धि निचले क्षेत्रों और तटीय क्षेत्रों को जोखिम में डाल सकता है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, February 10, 2013, 18:57

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