Last Updated: Wednesday, September 4, 2013, 22:36
नई दिल्ली : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) ने भूमि अधिग्रहण विधेयक पर राज्यसभा में चल रही चर्चा के दौरान बुधवार को इसके चुनावी निहितार्थ होने का आरोप लगाया।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि तथापि उनकी पार्टी आधारभूत परियोजना के लिए अधिगृहीत की जाने वाली भूमि के एवज में किसानों को अधिक मुआवजा मुहैया कराने की मांग करने वाले विधेयक का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने पूर्व में भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 में संशोधन का सुझाव दिया था जिसे नजरअंदाज कर दिया गया था। उन्होंने कहा, `अब जब चुनाव सिर पर हैं तो विधेयक बिना पर्याप्त विचार के हड़बड़ी में लाया गया है।`
सपा के रामगोपाल यादव ने भी कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार पर आगामी चुनाव को ध्यान में रख कर विधेयक लाने का आरोप लगाया। उन्होंने स्वीकार किया कि विधेयक में `अच्छे बिंदू` हैं, लेकिन जोर दिया कि इसमें नकारात्मक भी हैं। यादव के मुताबिक भूमि अधिग्रहण के कारण देश में जमीन कम हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कृषि भूमि का अधिग्रहण करने की जगह आधारभूत परियोजनाओं के लिए अनुर्वर भूमि की पहचान करे या अनुर्वर जमीन का उपचार कर उसे कृषियोग्य बनाए।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि भूमि अधिग्रहण से प्रभावित होने वाले लोगों में से अधिकांश लघु किसान और आदिवासी होते हैं और सरकार को उनके पुनर्वास के बारे में सोचना चाहिए। किसान अपनी जमीन को वर्षो तक उपयोग नहीं किए जाते देख दुखी होते हैं और अंत में उस जमीन को कुछ बिल्डरों या कुछ व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए दे दिया जाता है। मायावती ने कहा कि विधेयक में कुछ कमियां हैं और सरकार को आदिवासियों और लघु किसानों का विचार लेकर एक राष्ट्रीय सहमति बनानी चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 4, 2013, 22:36