मजबूत लोकपाल को सरकार प्रतिबद्ध: बंसल

मजबूत लोकपाल को सरकार प्रतिबद्ध: बंसल


नई दिल्ली : सरकार ने बुधवार को इन आरोपों को खारिज किया कि लोकपाल विधेयक को अचानक राज्यसभा की प्रवर समिति को भेजा गया। उसने कहा कि यह कदम उठाने से पहले राजनीतिक दलों से विचार विमर्श किया गया था। सरकार मजबूत लोकपाल बिल लाने को लेकर प्रतिबद्ध है।


संसदीय कार्यमंत्री पवन कुमार बंसल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मुझे खेद है कि इस तरह के आरोप लगाये जा रहे हैं। उन्होंने यह बात तब कही जब उनसे उस दावे के बारे में पूछा गया कि लोकपाल विधेयक को प्रवर समिति को भेजने के मामले में सरकार ने समाजवादी पार्टी की मदद ली।


टीम अन्ना की उस आलोचना के बारे में संसद में पेश किया गया लोकपाल विधेयक उसके सुझाए प्रारूप से अलग है, संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि भीड़तंत्र और लोकतंत्र में अंतर होता है । उन्होंने कहा कि हमें भीड़तंत्र और लोकतंत्र में फर्क करना होगा। सरकार को संसद के बाहर व्यक्त किये गये विचारों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए लेकिन हम कुछ लोगों द्वारा पेश किये गये प्रस्ताव को कानून में नहीं बदल सकते।


बंसल ने कहा कि लोकपाल विधेयक पर संशोधनों पर विपक्ष और अन्य राजनीतिक दलों से बातचीत चल रही थी जब समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल ने सुझाव दिया कि इस विधेयक को प्रवर समिति को सौंप दिया जाए। बंसल ने इस बात पर जोर दिया कि राज्यसभा में नरेश अग्रवाल द्वारा इस संबंध में प्रस्ताव पेश किया जाना संवैधानिक रूप से किसी तरह गलत नहीं था और यह कानून के अनुरूप है।


बंसल ने कहा कि समिति में प्रतिनिधि के बतौर शामिल करने के लिए भाजपा ने तीन नाम दिये हैं। बसपा, सपा, द्रमुक और तृणमूल कांग्रेस ने भी नाम दिए हैं। उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक और बीजद अलग से प्रवर समिति की सदस्यता की अर्हता नहीं रखते क्योंकि उच्च सदन में उनकी संख्या कम है । सरकार ने हालांकि उनसे भी नाम देने को कहा, जिसके बाद अन्नाद्रमुक ने वी मैत्रेयन को समिति में शामिल करने का फैसला किया। बंसल ने कहा कि सरकार सभी राजनीतिक दलों की सहमति से एक अच्छा लोकपाल विधेयक पारित कराना चाहती है ।


सरकार द्वारा कुछ पार्टियों से साठगांठ कर विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की पहले ही योजना बना लेने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि हमने सभी से बात की और इस तरह की बातचीत होती है । यह एक सामूहिक फैसला था।
एक सवाल के जवाब में बंसल ने कहा कि सरकार सीबीआई को लोकपाल के तहत लाने की मांग को स्वीकार नहीं कर सकती। (एजेंसी)

First Published: Thursday, May 24, 2012, 00:35

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