Last Updated: Wednesday, November 21, 2012, 14:17
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जल्द पाकिस्तान यात्रा पर जाने की संभावना फिलहाल नहीं है क्योंकि ऐसा तभी हो सकता है जब भारत की ओर से उठाये गये मुद्दों पर पाकिस्तान विशेष रूप से कार्रवाई करे।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान को उन मुद्दों पर कार्रवाई की आवश्यकता है जो 2010 में तत्कालीन गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने पडोसी देश की यात्रा के दौरान सौंपे थे। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान चाहता है कि सिंह उसके यहां आयें लेकिन यह एकतरफा नहीं हो सकता।
पाकिस्तान को पता है कि हम क्या चाहते हैं। गृह मंत्री चिदंबरम जब वहां गये थे तो भारत की ओर से उन मुद्दों की सूची सौंपी थी जिन पर कार्रवाई की जरूरत है। हमारा आकलन है कि हम ऐसे स्तर पर नहीं पहुंच सके हैं, जब मांगों पर पर्याप्त कार्रवाई हुई हो और हम आगे बढ़ सकें। सूत्रों ने कहा कि हम ईमानदारी से उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान की ओर से विशिष्ट रूप से कार्रवई होगी । हमें उम्मीद है कि भविष्य में ऐसा होगा और तब हम इस बारे में (मनमोहन की पाकिस्तान यात्रा के बारे में) सोच सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत अजमल कसाब को फांसी दिये जाने को आतंकवादी हमले का अंतिम फैसला नहीं मानता। भारत चाहता है कि मुंबई में 2008 के आतंकवादी हमले की साजिश रचने में शामिल लोग, जो इस समय पाकिस्तान में हैं, के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई हो। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री की पाकिस्तान यात्रा महज शिष्टाचार नहीं है और यह जल्दबाजी में नहीं हो सकता । संबंध सामान्य बनाने के लिए दोनों पक्षों की ओर से कुछ कदम उठाए जाने चाहिए। यह जरूरी है कि पाकिस्तान कदम उठाए। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 21, 2012, 14:17