Last Updated: Tuesday, August 14, 2012, 23:59
नोएडा के जलवायु विहार में चार वर्ष पूर्व अपने ही घर में हत्या की शिकार हुई 14 वर्षीया आरुषि के यौनांग से लिए गए संरक्षित नमूनों की जांच के बाद एक फॉरेंसिक विशेषज्ञ ने मंगलवार को यहां की एक विशेष अदालत को बताया कि इन नमूनों के आधार पर यौन उत्पीड़न ही पुष्टि नहीं हो सकती। ये नमूने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मुहैया कराए थे।