मनी लांड्रिंग संशोधन बिल लोस में पारित

मनी लांड्रिंग संशोधन बिल लोस में पारित

नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने गुरुवार को कहा कि आतंकवाद, मानव तस्करी, मादक द्रव्यों की तस्करी और जाली मुद्रा जैसे गंभीर अपराधों में लिप्त लोगों को तो सजा मिल जाती है लेकिन ऐसे अपराधों से हुई आमदनी अर्थव्यवस्था में बनी रहकर उसके लिए गंभीर खतरा बनती है।
चिदंबरम ने लोकसभा में मनी लांडरिंग निवारण संशोधन विधेयक 2011 पर चर्चा के जवाब में कहा कि ऐसे कई अपराधों से हुई आमदनी के मामले में सख्त कार्रवाई हो, इसलिए कानून को और सख्त बनाने की जरूरत है। विधेयक के दायरे में कई नये अपराधों को शामिल किया गया है। चिदंबरम के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को पारित कर दिया।
वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त मामलों की संसद की स्थायी समिति की रपट आने के बाद विधेयक में 12 सरकारी संशोधन लाए गए। मनी लांडरिंग की परिभाषा को लेकर सदस्यों के बीच भ्रम को भांपते हुए उन्होंने इसे समझाया कि किसी अपराध से हुई आमदनी को निष्कलंक संपदा साबित करने का प्रयास मनी लांडरिंग कहलाता है। हत्या, धोखाधडी या किसी अन्य अपराध के जरिए हुई आमदनी मनी लांडरिंग के तहत आएगी।
उन्होंने कहा कि मनी लांडरिंग को काले धन से जोडना गलत है। दोनों एकदम अलग अलग बातें हैं। बिना अपराध के भी लोग काला धन एकत्र कर लेते हैं लेकिन आईटी कानून को छोडकर देखें तो काला धन जमा करना सिविल अपराध है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, November 29, 2012, 20:01

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