Last Updated: Wednesday, March 13, 2013, 16:19

ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी
नई दिल्ली : भारत ने वादे से मुकरी इटली सरकार का रुख खारिज करते हुए दो इतालवी मरीनों की वापसी की मांग की ताकि उनके खिलाफ देश में ही हत्या का मामला चलाया जा सके। भारत ने इतालवी मरीनों की वापसी की मांग करने के अलावा इटली सरकार के रुख को भी नकार दिया है।
इस मामले में इटली के रुख से चिंतित यूपीए सरकार कुछ कड़ा कदम उठा सकती है। नई दिल्ली में रोम के राजदूत डेनियल मेंसिनी को देश छोड़ने के लिए कहा जा सकता है। सरकार के पास अन्य विकल्प बचा नजर नहीं आ रहा है और नई दिल्ली को मरीनों के मामले में दिए गए आश्वासनों पर खड़ा नहीं उतरने के बाद राजदूत को इटली के लिए जाना पड़ सकता है।
पिछले साल दो भारतीय मछुआरों की हत्या के लिए आरोपित किए गए दो इतालवी मरीन की वापसी से इनकार पर इटली से नाराज विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर भारत के कठोर रुख से अवगत कराने के लिए इतालवी राजदूत को तलब किया।
विदेश सचिव रंजन मथाई ने कहा कि मैंने इतालवी राजदूत को अपने दफ्तर में तलब किया। बुनियादी रूप से, मैंने उन्हें जो कुछ कहा वह यह है कि दो मरीन के संबंध में इटली की सरकार का रुख बताने वाले हमें दिए गए नोट का मजमून हमें स्वीकार्य नहीं है। मथाई ने कहा कि इतालवियों की तरफ से छह मार्च के नोट में बातचीत की पेशकश की गई थी जो उच्चतम न्यायालय को दिए गए आश्वासन से अलग है।
दो मरीन को लौटाने से इतालवी विदेश मंत्रालय के इनकार के एक दिन बाद इतालवी राजदूत को तलब किया गया है। इतालवी विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि भारतीय अधिकारियों ने मरीन को हिरासत में ले कर अंतरराष्ट्रीय अधिकारों का उल्लंघन किया है।
इतालवी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि किसी अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थ को मामले के आकलन करने देने के सवाल पर उसका रुख ‘खुला’ है। इतालवी मरीन- मासिमिलानो लातोरे ओर सल्वातोर जिरोने पर पिछले साल फरवरी में जल दस्यु निरोधी कार्रवाई में केरल तट के निकट दो भारतीय मछुआरों की हत्या का आरोप है। उन्हें उच्चतम न्यायालय ने चुनाव में मतदान करने के लिए 22 फरवरी को चार हफ्तों के लिए इटली जाने की इजाजत दी थी।
इससे पहले उन्हें क्रिसमस की छुट्टियों में घर जाने की इजाजत दी गई थी। वे अवकाश के समाप्त होने पर भारत लौट आए थे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कल का कम महत्व वाले कूटनीतिक संदेश ‘नोट वर्बल’ में इटली ने सूचित किया था कि ‘‘चूंकि दो देशों के बीच विवाद स्थापित हुआ है, प्रदान की गई अनुमति के समाप्त होने पर दो इतालवी मरीन, लातोरे और जिरोने भारत नहीं लौटेंगे।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार दृढ़ता से कहती है कि वह दो मरीन की वापसी पर इटली सरकार की ओर से व्यक्त रुख से सहमत नहीं है। उसने कहा कि उन्हें (इतालवी राजूदत को) बताया गया कि भारत इटली गणराज्य से अपेक्षा करता है कि एक देश के नाते वह भारत के उच्चतम न्यायालय को दिए गए संप्रभू आश्वासन को पूरा करने के लिए कानून के शासन के प्रति वचनबद्ध है।
First Published: Wednesday, March 13, 2013, 10:25