महंगाई पर चर्चा वोटिंग के साथ हो: माकपा - Zee News हिंदी

महंगाई पर चर्चा वोटिंग के साथ हो: माकपा

नई दिल्ली : माकपा ने कहा है कि महंगाई पर एक और चर्चा तब तक बेकार है जब तक इस मामले पर मतदान नहीं होता और महंगाई कम करने के लिए पेट्रोल की कीमत कम करने, जरूरी वस्तुओं के वायदा बाजार और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करने के जैसे सुझाए गए कदम नहीं उठाए जाते।

 

माकपा नेता सीताराम येचुरी ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘वाम दलों का मानना है कि महंगाई पर एक और चर्चा करने की कोई जरूरत नहीं है। संसद के पिछले दो सत्रों के दौरान इस पर पहले ही दो बार चर्चाएं हो चुकी हैं, लेकिन सरकार ने मुद्रास्फीति और बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया।’

 

उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति पर रोक लगाने के लिए सरकार पर ठोस कदम के वास्ते दबाव बनाने के लिए चर्चा का कोई भी कदम ‘व्यर्थ’ है। उन्होंने कहा, ‘चर्चा केवल उस नियम के तहत होनी चाहिए जिसके तहत मतदान का प्रावधान है ताकि मुद्रास्फीति और बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाने के वास्ते सरकार पर दबाव बन सके।’

 

येचुरी ने सुझाव दिया कि महंगाई कम करने के लिए जरुरी वस्तुओं के वितरण के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करने के साथ ही सभी खाद्य पदार्थों पर वायदा कारोबार पर रोक तथा पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले करों में कटौती की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘सरकार की लागत से कम कीमत पर पेट्रोलियम पदार्थों के बेचे जाने से होने वाले नुकसान के बारे में सरकार की दलील उचित नहीं है।

 

सरकार को पेट्रोल और डीजल से 1.3 लाख करोड़ रुपए कर के रूप में मिल रहे हैं जबकि इस पर सब्सिडी केवल 40 हजार करोड़ रुपए दी जा रही है। सरकार को 90 हजार करोड़ रुपए का लाभ हो रहा है जबकि वह आम आदमी पर बोझ डाल रही है।’ उन्होंने इसके साथ ही विदेशों में जमा कालेधन को वापस लाने की भी मांग की। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, November 23, 2011, 16:25

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