Last Updated: Monday, January 14, 2013, 00:18
ज़ी न्यूज़ ब्यूरोइलाहाबाद : उत्तर प्रदेश में तीर्थराज के नाम से मशहूर प्रयाग (इलाहाबाद) शहर में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के संगम तट पर आज मकर संक्रांति से ‘पृथ्वी पर सबसे बड़ा धार्मिक महोत्सव’ माने जाने वाला महाकुंभ मेला शुरू हो रहा है जिसमें देश-विदेश से लाखों लोगों के आने की संभावना है। इसी दिन पहला शाही स्नान भी है, जिसकी सारी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। सोमवार सुबह 5.57 बजे से स्नान शुरू होगा।
हर 12 साल में आयोजित होने वाले इस महामेले की अगले दो महीने धूम रहेगी और इसका समापन 10 मार्च को महाशिवरात्रि पर होगा। उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आजम खान ने शनिवार देर शाम महाकुंभ मेला क्षेत्र का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने तैयारियों पर संतोष जताते हुए कहा कि जो छोटी-मोटी तैयारियां बची हैं उन्हें स्नान शुरू होने से पहले पूरा कर लिया जाए। महाकुंभ मेले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आर के एस राठौर ने संवाददाताओं को बताया कि करीब 30 कंपनी केंद्रीय बलों के साथ 50 कंपनी प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) और बीस हजार से ज्यादा नागरिक पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है।
मेला अधिकारी मणिप्रसाद मिश्रा ने बताया कि 55 दिन तक चलने वाले इस महाकुंभ मेले में छह शाही स्नान होंगे। पहला 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन, दूसरा 27 जनवरी को पौष पूर्णिमा पर, तीसरा 10 फरवरी को मौनी अमावस्या पर, चौथा 15 फरवरी को वसंत पंचमी पर, पांचवां 25 फरवरी माघी पूर्णिमा पर और छठा 10 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन होंगे।
दलाई लामा, श्रीश्री रविशंकर, बाबा रामदेव और आसाराम बापू जैसे लोगों के भी कुंभ में शामिल होने की योजना है। जनसैलाब, कई हस्तियों के दौरे और नागा साधुओं की उपस्थिति ने पुलिस और प्रशासन पर दबाव बढ़ा दिया है। आतंकवादी हमले की आशंका ने भी चुनौतियों को काफी बढ़ा दिया है। महाकुंभ के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए नोडल अधिकारी बनाये गए आईजीपी (इलाहाबाद) आलोक शर्मा ने कहा कि रैपिड एक्शन फोर्स और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल सहित केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों के सात हजार से अधिक जवानों को तैनात किया गया है।
इलाहाबाद में महाकुंभ इससे पहले वर्ष 2000 में लगा था। देश के चार नगरों- इलाहाबाद, नासिक, उज्जैन और हरिद्वार में बारी-बारी से हर 12 साल बाद महाकुंभ लगता है। पौराणिक आख्यानों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत कलश से अमृत छिलकने के कारण इन जगहों पर कुंभ मेला लगता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार यहां डुबकी लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
First Published: Sunday, January 13, 2013, 19:18