Last Updated: Monday, February 11, 2013, 14:43
नई दिल्ली : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पश्चिम बंगाल सरकार और मालदा के जिला मजिस्ट्रेट को इलाज की मूलभूत सुविधाओं के बिना 100 से अधिक महिलाओं की एक दिन में दो डॉक्टरों द्वारा नलबंदी किए जाने के आरोपों के चलते नोटिस जारी किया।
यह नोटिस पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्य स्वास्थ्य सचिव और मालदा के जिला मजिस्ट्रेट को समाचार पत्र में प्रकाशित एक खबर तथा एक शिकायत के आधार पर जारी किया गया। नोटिस का जवाब छह सप्ताह में मांगा गया है।
आयोग से जारी एक बयान में कहा गया है कि महिलाओं के नलबंदी के ऑपरेशन मालदा में मानिकचक ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र में आयोजित एक शिविर में किए गए।
बयान में कहा गया है ‘ऑपरेशन के बाद महिलाओं को स्वास्थ्य लाभ के लिए स्वास्थ्य केंद्र के बाहर खुले में छोड़ दिया गया। कुछ महिलाओं को रिक्शे में घर भेज दिया गया जबकि ऑपरेशन के बाद कुछ निश्चित समय तक उनके स्वास्थ्य पर नजर रखने की जरूरत होती है।’
शिकायतकर्ता ने मामले की उच्च स्तरीय जांच करने और डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है ताकि इस घटना की पुनरावृत्ति न हो। साथ ही इसमें कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने चिकित्सकीय लापरवाही की शिकार महिलाओं को आर्थिक सहायता देने की भी मांग की है। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 11, 2013, 14:43