मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में धमाके के बाद INS सिंधुरक्षक में लगी आग, 18 नौसैनिक लापता

मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में धमाके के बाद INS सिंधुरक्षक में लगी आग, 18 नौसैनिक लापता

मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में धमाके के बाद INS सिंधुरक्षक में लगी आग, 18 नौसैनिक लापताज़ी मीडिया ब्यूरो/प्रवीण कुमार

मुंबई : कोलाबा स्थित लाइन गेट नेवल डॉकयार्ड में भारतीय नौसेना की पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक में धमाके के बाद भीषण आग लग गई।
नौसेना ने पनडुब्बी में विस्फोट होने और इसके बाद उसमें आग लगने की घटना की जांच के लिए ‘बोर्ड ऑफ इनक्वायरी’ के आदेश दिए हैं। यह पनडुब्बी डूब गई है। नौसेना प्रमुख एडमिरल डी.के. जोशी मुंबई में आज घटनास्थल का मुआयना करेंगे

हादसे के बाद इसमें मौजूद 18 नौसैनिकों का अभी तक कोई पता नहीं है। उनकी खोज की जा रही है। ये भीषण आग मंगलवार देर रात करीब 12 बजे लगी। प्रत्यक्षदर्शियों ने आग से पहले धमाके की आवाजें सुनी। आग ने एक दूसरी पनडुब्बी को भी चपेट में ले लिया। डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।

फायर ब्रिगेड ने एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया लेकिन नौसेना के बेहद संवेदनशील इलाके में आग की खबर ने सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए। आग की वजह का पता अभी तक नहीं चल सका है लेकिन 15 अगस्त से 1 दिन पहले आग की यह अपने आप में कई तरह के सवाल खड़े कर करती है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्होंने मौके से धमाके की आवाजें सुनीं जिसके बात तेज आसमान में आग की तेज लपटें भी उठती देखी गईं। धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि दीवारें तक कांप गईं।

भीषण आग की इस घटना में नुकसान का अंदाजा अभी नहीं लगाया जा सका है। घटना के दौरान कुछ लोगों के आग लगने के तुरंत बाद समुद्र में कूदने की भी खबर है। घायलों को आईएनएचएस-अश्विनी के नौसेना अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के मुताबिक डॉकयार्ड में तीन धमाके की खबर है।

आग के बाद दमकल विभाग की 18 से 20 गाड़ियां मौके पर पहुंच आग पर काबू पाया। आग की खबर मिलने के बाद बॉम्बे कोस्ट गार्ड को अलर्ट कर दिया गया है। हादसे के बाद पूरे इलाके को बंद कर दिया गया है और बॉम्बे पोर्ट ट्रस्ट को अलग कर दिया गया है।

आईएनएस सिंधुरक्षक में इससे पहले 2010 में भी आग लगी थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और दो अन्य लोग घायल हो गए थे। यह दुर्घटना बैटरी बाक्स में विस्फोट के कारण हुई थी। 1980 के दशक की शुरूआत में हुए समझौते के तहत भारत 2300 टन की पनडुब्बी रूस से लाया था और इसे 1997 में परिचालन में लाया गया था।

पिछले कुछ वर्षों में नौसेना के पोत कई बार दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं। वर्ष 2008 में एक अन्य पोत आईएनएस सिंधुघोष एक व्यापारिक पोत से टकरा गया गया था। 2011 में आईएनएस विद्यागिरी की एक व्यापारिक पोत से टक्कर होने से उसमें आग लग गई थी। हालांकि इस दौरान कोई घायल नहीं हुआ था लेकिन युद्धपोत लगभग नष्ट हो गया था।

First Published: Wednesday, August 14, 2013, 08:48

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