Last Updated: Sunday, February 17, 2013, 13:20

नई दिल्ली : पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह ने राजनीति में आने के प्रति अनिच्छा जताई है क्योंकि उन्हें लगता है कि वर्तमान व्यवस्था ऐसी है जिसमें अच्छे लोग शायद प्रवेश नहीं कर सकते। सिंह ने एक टीवी के कार्यक्रम कहा ‘मेरा एक छोटा सा मिशन है .. ‘री-क्लेम इंडिया’। मैं लोगों को जागरूक करना चाहता हूं। इसके अलावा वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था ऐसी है कि शायद अच्छे लोग राजनीति में प्रवेश नहीं कर सकते। इसका मतलब यह नहीं है कि जो लोग राजनीति में हैं वह सभी बुरे हैं।’ उन्होंने कहा ‘इस देश ने मुझे मेरे जीवन के बेहतरीन 42 साल दिए हैं और मैं अब देश को कुछ लौटाना चाहता हूं।’ सेवानिवृत्त जनरल ने कहा कि अच्छे राजनीतिज्ञ में तीन गुण होने चाहिए। उसकी छवि अच्छी हो और कोई आपराधिक मामला लंबित न हो, वह क्षमतावान हो, वह देश और समाज की सेवा करने के लिए प्रेरित हो। इनेलोद प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला भ्रष्टाचार के जुर्म में इन दिनों जेल में हैं। यह पूछे जाने पर कि सिंह ने चौटाला के साथ एक रैली में क्यों भाग लिया था, उन्होंने कहा कि उन्होंने चौटाला के पिता चौधरी देवीलाल की जयंती मनाने के लिए ऐसा किया था।
सिंह ने कहा ‘चौधरी देवी लाल जी ने हरियाणा में बहुत पहले वृद्धावस्था पेन्शन शुरू की थी। अन्य राज्यों ने बहुत बाद में की। उन्होंने गरीबों को साइकिल खरीदने पर कर में छूट भी दी थी। अगर रैली में चौटाला अपने पिता की जयंती की वजह से थे तो मैं उन्हें बाहर नहीं कर सकता था।’ उन्होंने यह भी कहा कि उनकी महत्वाकांक्षा राज्यपाल या राजदूत बनने की नहीं है।
सिंह ने कहा ‘अगर मैं राज्यपाल या राजदूत बनना चाहता तो मैं टाट्रा ट्रक घोटाले पर चुप रह सकता था। कुल 26 लाख रूपये के ट्रक सेना को एक करोड़ रूपये में बेचे गए। ज्यादातर नौकरशाह सेवानिवृत्ति के दौरान खुद को की जाने वाली पेशकश पर सहमत हो जाते हैं। मैं उस तरह का व्यक्ति नहीं हूं।’ उन्होंने यह भी कहा कि वह उन लोगों में से हैं जो पहले ही खड़े हो कर अन्याय के खिलाफ लड़ रहे हैं।
पूर्व सेना प्रमुख ने कहा ‘दो तरह के लोग होते हैं.. एक वह, जो घुटनों के बल बैठे रहते हैं और दान में जो मिलता है उसे ले लेते हैं। दूसरे वह, जो सर उठा कर अन्याय के खिलाफ लड़ते हैं। मैं दूसरे समूह में आता हूं।’ पिछले साल जनवरी में उनके द्वारा सरकार के खिलाफ कथित तौर पर विद्रोह की साजिश रचे जाने की खबरों के बारे में पूछने पर सिंह ने कहा ‘आज मैं खुलासा कर सकता हूं कि इस बेबुनियाद खबर को कुछ नौकरशाहों और कुछ सेना अधिकारियों ने गढ़ा था।’ उन्होंने कहा ‘ये दोनों यूनिटें नियमित आवजाही का हिस्सा थीं। आपको याद होगा कि छह सात दिन बाद मालदीव में कुछ घटनाक्रम भी हुए। दोनों यूनिटें वहां जाने वाली थीं।’ सिंह ने यह भी कहा कि भारतीय सेना कभी विद्रोह नहीं करेगी, वह सिर्फ देश की रक्षा करेगी।
सेना द्वारा विवादास्पद ‘टेक्नीकल सपोर्ट डिवीजन’ (टीएसडी) बनाए जाने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुंबई हमलों को देखते हुए सीमा पार होने वाले घटनाक्रम पर नजर रखने के लिए इसे तैयार किया गया।’ उन्होंने कहा ‘इसकी स्थापना सेना की क्षमता बढ़ाने के लिए रक्षा मंत्री के परिचालनगत निर्देशों के तहत की गई। टीएसडी की स्थापना की प्रक्रिया मेरे कार्यकाल से पहले शुरू हो चुकी थी।’
टीएसडी का उपयोग मंत्रियों और नौकरशाहों की जासूसी के लिए करने के बारे में पूछने पर उन्होंने जवाब दिया ‘मुझे ऐसा करने की जरूरत नहीं है। ना मैं रिश्वत देता हूं, न लेता हूं।’ घर पर सेना के एक मेजर के घुसने के मुद्दे पर सिंह ने कहा ‘वह मेरे और मेरे परिवार की अनुपस्थिति में अचानक आया। उसने कर्मचारियों से जाने को कहा और हर कमरे में घुसने के बाद मेरे अध्ययन कक्ष में जा कर मेरा कंप्यूटर चालू कर लिया। अचानक मेरी बेटी आ गई।’ परवेज मुशर्रफ पर नाराजगी जाहिर करते हुए सिंह ने कहा कि पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति करगिल युद्ध के बारे में झूठ बोल रहे हैं।
उन्होंने कहा ‘उनकी झूठ बोलने की आदत है। पहले उन्होंने कहा कि करगिल युद्ध में सेना शामिल नहीं थी। अब कहा गया कि वह नियंत्रण रेखा के 11 किमी अंदर आ कर रात भर रूके थे। वह लगातार झूठ बोल रहे हैं।’ मुशर्रफ ने दावा किया था कि अगर तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ करगिल युद्ध के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से मिलने नहीं जाते तो कश्मीर पाकिस्तान के साथ हो सकता था। इस पर सिंह ने कहा ‘मैं यही कह सकता हूं कि इंग्लैंड में एक भव्य बंगले में रहते हुए उन्हें दिन में सपने देखना बंद कर देना चाहिए।’ पूर्व सेना प्रमुख ने कहा ‘पाकिस्तान ने हमारे दोस्ती के हाथ को कभी गंभीरता से नहीं लिया। हमें पड़ोसियों से निपटने की नीति बनानी चाहिए। हमें पाकिस्तान को यह समझाना चाहिए कि अगर वह कुछ गलत करता है तो हम जवाब देंगे और अगर वह अच्छा करता है तो हम दोस्त बने रह सकते हैं। उसकी गलतियों पर बड़े भाई की तरह हमें उसे करारा थप्पड़ मारने की जरूरत है।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 17, 2013, 13:20