Last Updated: Sunday, March 3, 2013, 14:51

नई दिल्ली : वित्त मंत्री पी चिदंबरम को ऐसी चर्चाओं पर हंसी आती है जिनमें उन्हें भावी प्रधानमंत्री के रूप में पेश किया जाता है। वर्ष 2013-14 के लिए एक ‘जिम्मेदारी भरा बजट’ पेश करने के बाद एक साक्षात्कार में चिदंबरम ने खुद को भावी प्रधानमंत्री के रूप में पेश किए जाने संबंधी मीडिया की रिपोर्टों का जिक्र किए जाने पर कहा, ‘मुझे इस पर हंसी आती है।’
एक साप्ताहिक पत्रिका ने चिदंबरम को प्रधानमंत्री के रूप में पेश करते हुए आवरण कथा प्रकाशित की है। इस पर वित्त मंत्री ने कहा, ‘उसकी प्रतियों की बिक्री इस कथा से शायद घट गयी हो।’ चिदंबरम ने आम चुनाव से पहले संप्रग के आखिरी पूर्ण बजट से पहले कहा था कि वह बजट को सस्ती लोकप्रियता हासिल करने वाला बजट रखने की बजाय अर्थव्यवस्था की कठिन चुनौतियों का मुकाबला करने वाला ‘जिम्मेदारी भरा बजट’ बनाएंगे।
उन्होंने आगमी पहली अप्रैल से शुरू हो रहे 2013-14 वित्त वर्ष का 16.65 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश करते हुए राजकोषीय घाटे को सकल आर्थिक उत्पाद के 4.8 प्रतिशत तक सीमित रखने का प्रस्ताव किया है जो चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान में 5.2 प्रतिशत है। कुछ विश्लेषक इस बजट को बहुत आशावादी बताते हुए इसकी आलोचना कर रहे हैं। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 3, 2013, 14:48