Last Updated: Saturday, October 13, 2012, 23:42

नई दिल्ली : एक निजी इस्पात कंपनी से कथित रूप से रिश्वत लेने को लेकर विवादों में फंसे वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह ने आज इन आरोपों का खंडन किया और उन लोगों पर कानूनी कार्रवाई की धमकी दी जिनका इन आरोपों के पीछे हाथ है। उधर, भाजपा ने जांच की मांग कर अपना प्रहार तेज कर दिया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और पांच बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह ने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप हिमाचल प्रदेश में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले उनके खिलाफ राजनीति से प्रेरित अभियान के हिस्से हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों को ‘सस्ती राजनीतिक तमाशा’ करार देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह इस संबंध में किसी भी एजेंसी से जांच का सामना करने को तैयार हैं। वह हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस चुनाव अभियान के नेतृत्वकर्ता हैं।
अपना प्रहार तेज करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दावा किया कि एक निजी इस्पात कंपनी से रिश्वत लेने के संबंध में सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और उसने मामले की जांच की मांग की। भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हर रोज कांग्रेस के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक नया मामला सामने आ रहा है। वीरभद्र सिंह उसमें नवीनतम हैं। तत्कालीन इस्पात मंत्री पर एक निजी कंपनी से अवैध रूप से 2.28 करोड़ रुपए लेने का संदेह है। यह एक -दूसरे को फायदा पहुंचाने का मुद्दा है, इसकी तत्काल जांच की जरूरत है।
सिंह ने कहा, ‘यह पूरी तरह झूठा, दुर्भावनापूर्ण और राजनीति से प्रेरित है। मैं इसका जोरदार खंडन करता हूं। इसके अलावा मैं किसी भी एजेंसी से इसकी जांच का सामना करने को तैयार हूं।’ उन्होंने दावा कि उनके विरोधी हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रभाव डालने के लिए मीडिया में यह मुद्दा उठा रहे हैं। मई, 2009 से जनवरी, 2011 तक केंद्रीय इस्पात मंत्री रहे सिंह ने कहा, ‘मैं किसी को भी यह साबित करने की चुनौती देता हूं कि मेरे कार्यकाल के दौरान इस्पात मंत्रालय ने किसी भी तरीके से इस्पात इंडस्ट्रीज को अनुचित लाभ पहुंचाया हो।’ (एजेंसी)
First Published: Saturday, October 13, 2012, 14:59