Last Updated: Wednesday, May 29, 2013, 23:44
नई दिल्ली : खेल मंत्रालय ने बुधवार को कानून मंत्रालय द्वारा पेश किए गए खेल आयोजनों में अनैतिक व्यवहार (निरोधक) विधेयक के पहले मसौदे को खारिज कर दिया। मंत्रालय ने विधेयक के पहले मसौदे को पुनविर्चार के लिए 18 सिफारिशों के साथ वापस भेज दिया।
खेल मंत्रालय के अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि विधेयक का मसौदा जल्दबाजी में तैयार किया गया था और उसमें कुछ महत्वपूर्ण तथ्य छूट गए थे। विधेयक के अगले मसौदे को तैयार होने में नौ सप्ताह का समय लग सकता है। खेल मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, `विधेयक के मसौदे में 10 बिंदु शामिल थे और हमने उसे 18 सिफारिशों के साथ वापस भेज दिया। इसे बहुत हड़बड़ी में तैयार किया गया था और उसमें कई कमियां थीं।`
मसौदे में सभी अंतर्राज्यीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों को शामिल किया गया था और जिन खेल आयोजनों को इससे बाहर रखा गया, वे थे इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) और फुटबाल आई लीग, क्योंकि यह दोनों आयोजन फ्रेंचाईजी आधारित हैं।
विधेयक के मसौदे में दोषी पाए गए खेल से जुड़े व्यक्ति के लिए कई गंभीर प्रस्ताव भी दिए गए थे। मसौदे में खिलाड़ियों के लिए तीन वर्ष तथा सट्टेबाजों के लिए पांच वर्ष के जेल की सजा का प्रावधान किया गया था। लेकिन खेल मंत्रालय का मानना है कि इसका स्वरूप दूसरा होना चाहिए तथा सट्टेबाजों के लिए अधिकतम सजा का प्रावधान होना चाहिए।
मसौदा विधेयक के अनुसार, मैच फिक्सिंग को गैर जमानती अपराध की श्रेणी में रखा गया था और इसमें भारत में खेलने आए विदेशी खिलाड़ियों को भी शामिल किया गया था। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 29, 2013, 23:44