Last Updated: Tuesday, August 27, 2013, 20:32
लखनऊ : विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की केन्द्रीय समिति के सदस्य जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य ने मंगलवार को कहा कि संतों की अयोध्या चौरासी कोसी परिक्रमा का किसी भी संगठन से कोई लेना-देना नहीं था और इस यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने भ्रम फैलाया।
स्वामी रामभद्राचार्य ने यहां बातचीत में कहा कि राज्य सरकार तथा स्वार्थो से ग्रस्त कुछ धर्माचार्यो ने चौरासी कोसी परिक्रमा को लेकर भ्रम फैलाया। यह काम वे ही लोग कर रहे हैं जिन्हें शास्त्रों का ज्ञान नहीं है। उन्होंने बताया कि चौरासी कोसी परिक्रमा एक पूजा है और यजुर्वेद में इसका जिक्र किया गया है। अयोध्या एक धाम है और जीवन 84 लाख योनियों में बसा है। यह परिक्रमा इन योनियों से मुक्ति के लिये की जाती है।
स्वामी भद्राचार्य ने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने विहिप नेताओं की हाल में हुई बातचीत के दौरान कहा था कि अगर संत परिक्रमा करना चाहते हैं तो वह इसके लिये स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि संत आगामी 18 अक्टूबर को संकल्प दिवस मनाएंगे। उसे बाद अहिंसक जनजागरण अभियान शुरू किया जाएगा। लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच परिक्रमा निकालने के औचित्य सम्बन्धी सवाल पर धर्मगुरु ने कहा कि इस यात्रा का चुनाव अथवा किसी संगठन से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि इस परिक्रमा का समय साल के शुरू में इलाहाबाद में हुए महाकुम्भ के दौरान हुई धर्माचार्यों की बैठक में लिया गया था और इसका विहिप समेत किसी भी संगठन से कोई सरोकार नहीं था। वह परिक्रमा केवल संतों द्वारा की जानी थी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 27, 2013, 20:32