'यूपीए-2 है नाजायज' पर बवाल, आडवाणी ने वापस लिए बयान

'यूपीए-2 है नाजायज' पर बवाल, आडवाणी ने वापस लिए बयान

'यूपीए-2 है नाजायज' पर बवाल, आडवाणी ने वापस लिए बयाननई दिल्ली : भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी द्वारा संप्रग-2 को नाजायज करार देने से लोकसभा में आज खासा हंगामा हुआ और कांग्रेस के कडे विरोध के चलते उन्हें अपने शब्द वापस लेने पडे।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में पार्टी सदस्यों ने निचले सदन में आडवाणी की टिप्पणी के लिए उनकी कडी आलोचना की। बाद में आडवाणी ने कहा कि वह 2008 के विश्वास मत की बात कर रहे थे, जिसमें सरकार बचाने के लिए करोडों रूपये खर्च किये गये थे।

आडवाणी ने असम में हिंसा पर कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि संप्रग-2 नाजायज है। ऐसा भारत के इतिहास में कभी नहीं हुआ। वोट हासिल करने के लिए करोडों रूपये कभी नहीं खर्च किये गये। इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कडी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को संसद में गुस्सा होते हुए बहुत कम देखा गया है। लेकिन बुधवार को लोकसभा में जब लालकृष्ण आडवाणी ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के दूसरे कार्यकाल की सरकार की वैधता को लेकर सवाल उठाए तो वह भड़क गईं।

सोनिया ने आडवाणी से अपने शब्द वापस लेने की मांग की। आडवाणी ने जब स्पष्टीकरण देना चाहा तो सोनिया को `नहीं, नहीं` कहते सुना गया। वह बयान वापस लेने से कम किसी चीज पर राजी नहीं थीं। सोनिया संसद में अमूमन शांत रहती हैं और सदन की कार्यवाही को ध्यान से देखती हैं, लेकिन बुधवार को आडवाणी के बयान पर वह नाराज हो गईं।

आडवाणी ने लोकसभा में असम हिंसा पर स्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए संप्रग की दूसरे कार्यकाल की सरकार की वैधता पर सवाल उठाए थे। लेकिन बाद में उन्होंने सफाई दी कि उनका आशय वर्ष 2008 में भारत-अमेरिका के बीच हुए नागरिक परमाणु समझौते के मुद्दे पर हुए विश्वास मत से था, न कि 2009 के चुनाव से। बाद में आडवाणी ने अपने शब्द वापस ले लिए, जिसकी घोषणा सदन की अध्यक्ष मीरा कुमार ने की।

नेता सदन सुशील कुमार शिन्दे ने चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि आडवाणी वरिष्ठ नेता हैं। हम सभी उनका सम्मान करते हैं लेकिन आज उन्होंने कहा कि 2009 का समूचा चुनाव नाजायज था। ‘ यह हम सबका अपमान है। मुझे लगता है कि उन्हें अपने शब्द वापस लेने चाहिए। ’

लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने भी आडवाणी को याद दिलाया कि उन्होंने कार्यस्थगन प्रस्ताव इसलिए मंजूर किया क्योंकि असम के हालात को लेकर लोग चिन्तित हैं। ‘ लेकिन आपने जो एक शब्द कहा, उससे हर किसी की भावना आहत हुई है। यदि आप चाहें तो इस शब्द को वापस ले सकते हैं। ’ उसके बाद आडवाणी ने अपनी टिप्पणी वापस ले ली।
(एजेंसी)

First Published: Wednesday, August 8, 2012, 22:18

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