राजपथ पर दुनिया को कराया ताकत का अहसास - Zee News हिंदी

राजपथ पर दुनिया को कराया ताकत का अहसास



 

नई दिल्‍ली : देशभर में 63वां गणतंत्र दिवस समारोह उत्साह एवं धूमधाम के साथ मनाया गया। देश का मुख्य राजकीय समारोह दिल्ली में राजपथ पर आयोजित किया गया, जहां सैन्य ताकत और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया गया।

 

राजपथ पर आयोजित समारोह में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली। गणतंत्र दिवस समारोह में इस बार थाईलैंड की पहली महिला प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।

 

महाशक्ति बनने की राह में अग्रसर भारत ने बुधवार को देश के 63वें गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के राजपथ पर आयोजित भव्य परेड में तीन हजार किलोमीटर तक मार करने में सक्षम अग्नि चार मिसाइल, टी-72 मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) और आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) ध्रुव का प्रदर्शन कर दुनिया को अपनी ताकत का अहसास कराया।

 

इससे पहले, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रपति पाटील ने मराठा लाइट इनफेंट्री की 15वीं बटालियन के लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह को मरणोपरांत अशोक चक्रप्रदान किया। इसके बाद सेना के जवानों ने राजपथ पर मार्च पास्ट किया और राष्ट्रपति तथा मंच पर आसीन अन्य गणमान्य व्यक्तियों को सलामी दी

 

राजपथ के करीब ढाई किलोमीटर लंबे मार्ग पर जैसे ही टी-72 टैंक गुजरा, ऐसा लगा मानो धरती कांप उठी। इस बार की परेड का मुख्य आकर्षण अग्नि चार मिसाइल, अमेरिका से हाल ही में खरीदे गए सी-130 जे सुपर हरकुलिस विमान और सदाबहार सुखोई-30 एमकेआई लडाकू विमान रहे। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित सतह से सतह तक मार करने वाली अग्नि चार मिसाइल करीब तीन हजार किलोमीटर तक मार सकती है।

 

परेड में प्रहार प्रक्षेपास्त्र पिनाका, स्मर्च राकेट लांचर, रूस्तम-1 यूएवी, जैगुआर और मिग-29 लडाकू विमानों को भी प्रदर्शित किया गया। भारतीय नौसेना ने इस बार की परेड में दिल्ली श्रेणी के विध्वसंक के साथ लंबी दूरी तक नौवहन निगरानी करने में सक्षम आई एल-38 विमान और ड्रोन यूएवी, तेज गति से चलने वाला इंटरसेप्टर क्राफ्ट और सी किंग हेलीकाप्टर प्रदर्शित किया ।इस बार के गणतंत्र दिवस परेड में कई चीजें पहली बार देखने को मिली। जहां वायुसेना के दस्ते का नेतृत्व पहली बार एक महिला लेफ्टिनेंट ने किया, वहीं पहली बार हरक्यूलिस लड़ाकू विमान ने भी राजपथ के उपर आसमान पर अपनी छटा बिखेरी।

 

इसके अलावा 3000 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य भेजने की क्षमता रखने वाली अग्नि-4 मिसाइल का भी प्रदर्शन किया गया। रक्षा अनुसंधान विकास संगठन द्वारा विकसित 150 किलोमीटर की सीमा में लक्ष्य भेदने की क्षमता रखने वाली ‘प्रहार’ मिसाइल और मानवरहित हवाई टोही वाहन रूस्तम-1 का भी प्रदर्शन किया गया।

 

फ्लाइट लेफ्टिनेंट स्नेहा शेखावत वायुसेना के 144 सदस्यों के दस्ते का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बनी।
पिछले साल नवंबर में सतह से सतह तक लक्ष्य भेदने की क्षमता रखने वाली अग्नि-4 बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया गया था। इस बार परेड में पहली बार इसके प्रदर्शन को देख लोगों ने जमकर तालियां बजाईं।
अमेरिका से खरीदे गए छह सी-130जे सुपर हरक्यूलिस लड़ाकू विमानों में से तीन विमानों ने भी पहली बार आसमान में गर्जनाएं करते हुए उड़ाने भरीं।

 

वहीं इन झांकियों में चुनाव आयोग भी पहली बार शामिल हुआ। चुनाव आयोग की झांकी लोगों को मतदान के प्रति जागरूक कर रही थी। झांकी में ‘मतदान के माध्यम से हम मातृभमि के काम आएं..’ गीत के माध्यम से लोगों को मतदान का महत्व समझाने की कोशिश की गई।

 

सेना की टुकड़ी में 61वीं घुड़सवारी दल, पैराशूट रेजीमेंट, बंगाल इंजीनियर ग्रुप एंड सेंटर, ब्रिगेड ऑफ गार्ड्स, कुमाऊं रेजीमेंट, असम रेजीमेंट, मैहर रेजीमेंट, गोरखा रायफल्स रेजीमेंट और कॉर्प्स ऑफ मिलिट्री पुलिस ने हिस्सा लिया। रक्षा प्रदर्शन के दौरान पहली बार परमाणु क्षमता से अग्नि-4 मिसाइल प्रदर्शित की गई। अग्नि-4 मिसाइल का प्रक्षेपण रक्षा शोध एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की झांकी में किया गया। इसका प्रक्षेपण नवम्बर, 2011 में किया गया था। इसकी मारक क्षमता 3,500 किलोमीटर है। डीआरडीओ की झांकी में प्रहार मिसाइल और मध्यम दूरी के चालक रहित विमान रूस्तम-1 का भी प्रदर्शन किया गया।

 

परेड में खोजी कुत्ते भी आकर्षण का विशेष केंद्र रहे। दिल्ली पुलिस के बम निरोधक दस्ते और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के जवान राजपथ पर मनुष्य के अच्छे दोस्त के रूप में नजर आए। इस अवसर पर 23 राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों की झांकी भी प्रदर्शित की गई, जिसमें देश की ऐतिहासिक, वास्तुशल्पि और सांस्कृतिक धरोहर तथा विभिन्न क्षेत्रों में हुई प्रगति दर्शाया गया।

 

बिहार की झांकी में पर्यावरण और बेटी के महत्व को दर्शाया गया। इसके जरिये भागलपुर के एक गांव की उस परम्परा से देशवासियों को परिचित कराया गया, जिसमें बेटी के जन्म पर 10 फलदार पेड़ लगाए जाते हैं। राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार-2009 के लिए चुने गए 24 में से 19 बच्चे भी परेड में शामिल हुए। पांच बच्चों को मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया गया है। बाल वर्ग में दिल्ली के दो स्कूलों- आरके पुरम स्थित केंद्रीय विद्यालय और हस्तसाल स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय के 1200 लड़के-लड़कियों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया।

 

इसके अतिरिक्त क्षेत्रीय सांस्कृतिक क्षेत्रों- दक्षिणी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (तंजावुर), पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (कोलकाता) और उत्तर-मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (मध्य प्रदेश) ने नृत्य व अन्य कार्यक्रम पेश किए। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों द्वारा मोटरसाइकिल पर दिखाया गया करतब भी परेड का मुख्य आकर्षण रहा। इंस्पेक्टर अनिल कुमार की अगुवाई में 154 चालक 30 मोटरसाइकिल पर सवार होकर बॉर्डरमैन सैल्यूट, साइड राइडिंग, योग, जांबाज-1, लैडर डबल, हारमनी, पिरामिड, पैरेलल बार, गुलदस्ता और फ्लैग मार्च का प्रदशर्न किया गया।

परेड के अंत में वायु सेना का शानदार फ्लाईपास्ट हुआ। समारोह का समापन राष्ट्र गान और गुब्बारे छोड़ने के साथ हुआ।

First Published: Friday, January 27, 2012, 13:20

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