राष्ट्रपति चुनाव: जया, नवीन की पसंद संगमा - Zee News हिंदी

राष्ट्रपति चुनाव: जया, नवीन की पसंद संगमा



ज़ी न्यूज ब्यूरो

 

नई दिल्ली: पूर्व लोकसभा स्पीकर पीए संगमा को राष्ट्रपति पद की दावेदारी पर समर्थन मिला है। बीजू जनता दल ने राष्ट्रपति पद के लिए पीए संगमा के नाम का समर्थन किया है। पीए संगमा को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उचित उम्मीदवार बताते हुए उन्हें राष्ट्रपति बनाए जाने की बात कही है। ओडिशा के मुख्यमंत्री बीजू पटनायक ने कहा है कि हम राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए संगमा के नाम का समर्थन करते है।

 

नवीन पटनायक ने यह भी दावा किया कि तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता भी संगमा को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के पक्ष में है। नवीन पटनायक का यह ऐलान ऐसे वक्त में आया है जब कुछ ही दिन पहले ही उन्होंने चेन्नई में एआईएडीएमके की अध्यक्ष जयललिता से बातचीत की थी।

 

हालांकि, संगमा को लेकर खुद उनकी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में अभी तक एक राय नहीं है। इसके बावजूद संगमा परोक्ष रूप से अपनी दावेदारी ठोक चुके हैं। संगमा की दावेदारी को इसलिए भी समर्थन मिलने के दावे किए जा रहे हैं कि वे आदिवासी होने के साथ ही पूर्वोत्तर से भी हैं और पूर्वोत्तर से अब तक सिर्फ एक ही नेता राष्ट्रपति बन पाया है। पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय फखरुद्दीन अली अहमद असम से थे।

 

वैसे संगमा के लिए रायसीना हिल्स जाने का रास्ता आसान नहीं दिख रहा है। एक तो खुद उनकी पार्टी उनके नाम को लेकर आगे नहीं आई है, इसके अलावा वे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की नागरिकता का सवाल उठाने पर ही शरद पवार के साथ कांग्रेस से अलग हुए थे। ऐसे में संगमा को कांग्रेस से समर्थन मिलने की संभावना बहुत कम है।

 

उधर,  बीजू जनता दल और अन्नाद्रमुक द्वारा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में पीए संगमा के अपनी पसंद होने का संकेत देने के बाद संगमा ने आज उनको धन्यवाद दिया और कहा कि वे आदिवासी लोगों की इच्छाओं के प्रति प्रतिक्रियाशील हैं और अपील की कि अन्य पार्टियां भी इस समुदाय के उम्मीवार को अपना समर्थन दें।

 

इस बीच संगमा ने कहा है कि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी इस पद के लिये ‘उच्च योग्यता प्राप्त’ हैं लेकिन यह भी कहा कि अन्य योग्य लोग भी हैं और जोर दिया कि इस बार राष्ट्रपति आदिवासी समुदाय से होना चाहिये। उन्होंने कहा कि मैं इस बात से बहुत खुश हूं और मैं दोनों नेताओं का शुक्रगुजार हूं। वे हमारी आदिवासी भावनाओं के प्रति प्रतिक्रियाशील रहे।

First Published: Friday, May 18, 2012, 12:34

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